भारत में मेडिकल स्नातकों पर अनिवार्य सेवा बंधन लागू होने के बावजूद, IIT जैसे शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों पर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. दो डॉक्टरों ने इस असमानता पर सवाल उठाया है, खासकर जब ISRO और DRDO जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों में शीर्ष प्रतिभाएं कम रुचि दिखा रही हैं. KIMS अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने कहा, “मैं सोचता हूं कि केवल डॉक्टरों को ही सरकारी सेवा के लिए बंधन क्यों? इसे IITians पर भी लागू करना चाहिए ताकि वे ISRO, DRDO आदि में काम करें.”
हाई सैलरी वाली नौकरी चाहते हैं IITians
🚨 Once we had gone to IIT to recruit engineers, but the moment the salary structure was shown, 60% of candidates walked out. IITians are not willing to join ISRO. I would be happy to see more IITians join ISRO - Former Chairman S Somnath. pic.twitter.com/JTljal151M
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) June 9, 2025
रक्षा अनुसंधान में प्रतिभा की कमी
पिछले महीने, वायु सेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने CII वार्षिक बिजनेस समिट 2025 में कहा कि भारत रक्षा अनुसंधान में शीर्ष प्रतिभाओं को बनाए रखने में असमर्थ है. उन्होंने कहा, “हमें सबसे अच्छे लोग नहीं मिल रहे. लोग विदेशों में जा रहे हैं. हमें उन्हें अच्छा वेतन, प्रोत्साहन, और बेहतर कार्य वातावरण देकर यहां रोकना होगा.” उन्होंने जोर देकर कहा, “प्रोत्साहन लोगों को नहीं लाता, यह कार्य वातावरण है जो लोगों को आकर्षित करता है. फिर भी, हमें कुछ प्रोत्साहन और अच्छा माहौल बनाना होगा ताकि हमें सर्वश्रेष्ठ लोग मिलें.”