Parliament: लोकसभा में बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. बीजेपी ने द्रमुक नेता टी आर बालू पर दलित के अपमान करने का आरोप लगाया है. टी आर बालू ने केंद्रीय मंत्री एल मरुगन पर संसद के अंदर टिप्पणी की. जिसके बाद भाजपा के नेताओं ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि ये दलितों का अपमान है.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने टी आर बालू से मांफी की मांग की. दरअसल, डीएमके सांसद लोकसभा में प्रश्न पूछने के लिए खड़े हुए थे, जिसका जवाब देने के लिए जैसे ही केंद्रीय मंत्री बोलने लगे तो इससे वह नाराज हो गए. नाराजगी में उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अनफिट करार देते हुए कहा कि आप मंत्री पद के लिए और सवाल का जवाब देने के लिए फिट नहीं हैं.
इस टिप्पणी के बाद प्रह्लाद जोशी ने कहा कहा कि आप एक मंत्री को अनफिट कैसे कह सकते हैं. क्या आप एक दलित मंत्री का अनफिट बता रहे हैं. डीएमके की सरकार अनफिट है.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इसमें शामिल हुए और कहा, ''आप अपने शब्द वापस लें. इसे रिकार्ड से हटाया जाना चाहिए. आपको माफ़ी मांगनी चाहिए. आप डीएमके के वरिष्ठ सदस्य हैं और हम आपका सम्मान करते हैं. इसका मतलब ये नहीं कि आप एक दलित मंत्री को अयोग्य कहेंगे. हम दलित समुदाय का यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
लोकसभा के अध्यत्रक्ष ओम बिरला ने कहा कि बालू ने दिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, उसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. कुछ नोकझोंक के बाद प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया गया. वहीं, डीएमके सांसद ए राजा ने इस पर टिप्पणी देते हुए कहा कि मैंने गृह राज्य मंत्री से एक पूरक प्रश्न पूछा कि क्या राष्ट्रीय आपदा कोष के तहत कोई राशि जारी की जाएगी. गृह राज्य मंत्री द्वारा दिया गया जवाब पूरी तरह से टालमटोल करने वाला और गैर-जिम्मेदाराना था, इसलिए हम थोड़ा चिंतित थे.
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