नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष इंडिया गठबंधन के बैनर तले हुंकार भरने की पुरजोर तैयारी कर रही है. लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी दल बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन को यूपी में कड़ी टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी चुनावी मैदान में जुट गयी है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सपा अब और उत्साह के साथ चुनावी मैदान में हुंकार भरेगा.
घोसी उपचुनाव की अग्निपरीक्षा में शिवपाल यादव पास या फेल?
अखिलेश यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल माने जाने वाला यह उपचुनाव सपा के पक्ष में गया है. जहां सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने बड़ी जीत हासिल की है. जिसके बाद समजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह सातवें आसमान पर पंहुच गया है. अखिलेश यादव ने इस उपचुनाव की जिम्मेदारी चाचा शिवपाल यादव को सौंपी थी. जहां शिवपाल यादव की चुनावी रणनीति ने उन्हें चुनावी चाणक्य के तौर पर पहचान दिला दिया. शिवपाल यादव खुद घोसी में कैंप करते हुए संगठन में जान फूंकी. उन्होंने तमाम कार्यकर्ताओं को चुनाव में लगाया. घोसी चुनाव में मिलने वाला नतीजे शिवपाल यादव की रणनीति की जीत मानी जा रही है.
संगठन का माहिर नेता माने जाते है शिवपाल यादव
मुलायम सिंह यादव के दौर में शिवपाल यादव को संगठन का माहिर नेता माने थे. मुलायम सिंह यादव अपने समय में संगठन की तमाम जिम्मेदारियां शिवपाल यादव के कंधे पर रखकर चलते थे. 2016 में समाजवादी पार्टी में पड़ी टूट के बाद समाजवादी पार्टी लगातार खराब प्रदर्शन करती आ रही थी. मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी में हुए लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल यादव ने डिंपल यादव के पक्ष में जीत की पटकथा लिख दी. जिसके बाद सपा में लगातार उनका कद बढ़ता ही चला गया.