नई दिल्ली: पिछले हफ्ते इंडिगो की उड़ान सेवाओं में आई भारी अव्यवस्था के बाद सरकार और डीजीसीए ने एयरलाइन पर सख्ती बढ़ा दी है. नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों की तैयारी अधूरी रहने से सैकड़ों उड़ानें रद्द हो गईं, जिससे हजारों यात्री फंस गए.
अब डीजीसीए ने इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन को जवाबदेह ठहराते हुए सीईओ को तलब किया है और कंपनी के मुख्यालय में अधिकारियों की तैनाती कर दी है ताकि हर संचालन संबंधी पहलू की बारीकी से निगरानी हो सके.
डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को 11 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. रेगुलेटर ने आठ-सदस्यीय ओवरसाइट टीम बनाई है, जिनमें से दो अधिकारी गुड़गांव स्थित कॉर्पोरेट ऑफिस में तैनात रहेंगे. ये अधिकारी बेड़े के आकार, पायलटों की संख्या, उड़ानों की औसत दूरी और क्रू उपलब्धता जैसे बिंदुओं पर दैनिक समीक्षा करेंगे.
कॉर्पोरेट ऑफिस में तैनात अधिकारी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान रद्दीकरण की स्थिति पर भी नजर रखेंगे. साथ ही वे रिफंड की प्रगति, बैगेज वापसी, ओटीपी (ऑन-टाइम परफॉर्मेंस) और यात्रियों को दी जा रही मुआवजा प्रक्रिया की जांच करेंगे. डीजीसीए ने टीम को प्रतिदिन शाम 6 बजे तक विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.
पिछले सप्ताह इंडिगो ने नए FDTL नियमों के अनुरूप तैयारी नहीं की, जिसके कारण उसके नेटवर्क में बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. अचानक हुई इस गड़बड़ी से हवाई यात्रियों में भारी अफरा-तफरी मच गई. हालांकि सरकार ने कुछ रात के संचालन संबंधी नियमों में अस्थायी राहत दी है, लेकिन साथ ही एयरलाइन की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच तेज कर दी है.
डीजीसीए ने बैठक में सीईओ से पायलट और क्रू भर्ती योजना की पूरी जानकारी देने को कहा है. रेगुलेटर यह समझना चाहता है कि वर्तमान क्रू स्ट्रेंथ क्या है, अगले महीनों में भर्ती और ट्रेनिंग पाइपलाइन कैसी होगी और भविष्य में रोस्टर कमी कैसे रोकी जाएगी. इसके अलावा स्प्लिट ड्यूटी, अनप्लान्ड लीव और स्टैंडबाय क्रू की उपलब्धता पर भी विस्तृत डेटा मांगा गया है.
इंडिगो को यह बताना होगा कि कितनी उड़ानें रद्द हुईं, कितने रिफंड जारी किए गए और उनका टर्नअराउंड टाइम क्या रहा. डीजीसीए ने यह भी देखा है कि ओटीए (ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट) और डायरेक्ट बुकिंग-दोनों तरह की टिकटों के रिफंड में नियमों का पालन हो रहा है या नहीं. यात्रियों, खासकर बुजुर्गों, मेडिकल जरूरत वाले लोगों और अकेले यात्रा कर रहे नाबालिगों को प्राथमिकता से समायोजित करने का निर्देश भी दिया गया है.