इंडिगो संकट के बाद DGCA ने जांच तेज कर दी है. सैकड़ों उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी, जिसके बाद नियामक ने चार सदस्यीय समिति बनाई. यह समिति एयरलाइन के संचालन, क्रू शेड्यूलिंग और नई FDTL नियमावली को लागू करने की तैयारी से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं की समीक्षा कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, समिति 10 दिसंबर को इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरकेराज को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
DGCA द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति का मुख्य लक्ष्य उड़ान संचालन में आई गड़बड़ी की वजहों को पहचानना है. यह टीम क्रू रोस्टरिंग, मानव संसाधन प्रबंधन और नई ड्यूटी-आराम अवधि के नियमों के पालन को बारीकी से परख रही है. वरिष्ठ निरीक्षक और संयुक्त DG इसमें शामिल हैं.
समिति विशेष रूप से इस बात की जांच कर रही है कि इंडिगो नई Flight Duty Time Limitation नियमावली को लागू करने में कितना सक्षम था. DGCA को एयरलाइन ने खुद स्वीकार किया था कि तैयारी और क्रू प्लानिंग में कमियां रहीं, जिसने व्यवधान को बढ़ाया. इसी क्रम में शीर्ष अधिकारियों को तलब करने की तैयारी है.
इंडिगो ने लगभग 1,600 उड़ानें रद्द करने के बाद DGCA को बताया कि समस्या का मूल कारण नई FDTL के दूसरे चरण का लागू होना था. एयरलाइन ने स्वीकार किया कि वह क्रू प्रबंधन को लेकर पर्याप्त रूप से तैयार नहीं थी. समिति को 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपनी है.
जांच के साथ ही DGCA दोनों शीर्ष अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी कर चुका है. उनसे सोमवार शाम तक जवाब मांगा गया है. DGCA का मानना है कि योजना में खामी ने स्थिति को गंभीर बनाया और यात्रियों को बड़े पैमाने पर असुविधा हुई.
संशोधित FDTL नियमों में साप्ताहिक विश्राम बढ़ाया गया, रात के घंटे बढ़ाए गए और रात की लैंडिंग सीमित की गई. कई एयरलाइनों ने इन बदलावों का विरोध किया, लेकिन अदालत के निर्देश पर इन्हें लागू किया गया. IndiGo को फिलहाल 10 फरवरी तक अस्थायी राहत मिली हुई है.