नई दिल्ली, 4 फरवरी : तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ रखने की मांग उठाई. पार्टी का मानना है कि यह नया नाम राज्य के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और पहचान को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करता है.
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद रीताब्रत बनर्जी ने इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने जुलाई 2018 में सर्वसम्मति से राज्य के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि राज्य का नाम ‘बांग्ला’ किया जाए, क्योंकि यह राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को सटीक रूप से दर्शाता है.
इतिहास में नामकरण का महत्व
1947 में भारत विभाजन के दौरान बंगाल को दो हिस्सों में विभाजित किया गया था. भारतीय भाग को पश्चिम बंगाल कहा गया, जबकि पूर्वी भाग को पूर्वी पाकिस्तान नाम दिया गया. वर्ष 1971 में, पूर्वी पाकिस्तान ने स्वतंत्रता प्राप्त कर 'बांग्लादेश' के रूप में एक नया राष्ट्र बनाया. रीताब्रत बनर्जी ने कहा, "आज पूर्वी पाकिस्तान नाम का कोई अस्तित्व नहीं है. इसलिए पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की आवश्यकता है." उन्होंने यह भी बताया कि 2011 में उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया था, और अब पश्चिम बंगाल के लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए.
शहरों और राज्यों के बदले गए नाम
बनर्जी ने उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले वर्षों में कई शहरों और राज्यों के नाम बदले गए हैं:
बॉम्बे से मुंबई (1995)
मद्रास से चेन्नई (1996)
कलकत्ता से कोलकाता (2001)
बैंगलोर से बेंगलुरु (2014)
देश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता
आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताई और सरकार से इस पर चर्चा की मांग की. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष आईआईटी से पास होने वाले 38% छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिला, और शिक्षित बेरोजगारी की दर 65% तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा, "भारत में कुल बेरोजगारों में से 83% युवा हैं, जबकि केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में 30 लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं."
बेरोजगारी के भयावह आंकड़े
हरियाणा में लाखों युवाओं ने सफाईकर्मी पद के लिए आवेदन किया. उत्तर प्रदेश में 411 प्राथमिक शिक्षकों के पदों के लिए 10 लाख से अधिक आवेदन आए. सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2024 में 40% तक नौकरियां घटी हैं. उन्होंने कहा कि स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं केवल कागजों तक सीमित हैं और इन पर ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए.
अन्य प्रमुख मांगें और मुद्दे
गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिया जाए – ममता ठाकुर (TMC)
बाली यात्रा को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाए – देबाशीष सामंतराय (BJD)
पेट्रोल में सस्ते एथनॉल का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए – साकेत गोखले (TMC)
रेलवे अंडरपास में जलभराव रोकने के लिए भूजल पुनर्भरण तकनीक अपनाई जाए – कविता पाटीदार (BJP)
केरल के कोझिकोड जिले में एम्स की स्थापना की जाए – पीटी उषा (मनोनीत सदस्य)
कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए नई बीज प्रजातियों का परीक्षण किया जाए – एस सेल्वागणपति (BJP)
भगवान ऋषभदेव की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए – के लक्ष्मण (BJP)
'बांग्ला' राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सही ढंग से दर्शाएगा
पश्चिम बंगाल के नाम परिवर्तन की मांग लंबे समय से चली आ रही है. राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि नया नाम 'बांग्ला' राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सही ढंग से दर्शाएगा. दूसरी ओर, देश में बढ़ती बेरोजगारी, कृषि संकट, स्वास्थ्य सेवाओं की समस्याएं और राष्ट्रीय पर्वों के दर्जे की मांगें भी संसद में जोर पकड़ रही हैं. अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इन मुद्दों पर क्या रुख अपनाती है.