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ED से डर गए राजकुमार आनंद? 6 महीने पहले पड़ा था छापा, अब AAP और मंत्री पद से दिया इस्तीफा

आम आदमी पार्टी में इस्तीफों का दौर जारी है. पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्रालय संभाल रहे थे.

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India Daily Live

दिल्ली शराब घोटाले में फंसी आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं हो रही हैं. दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्रालय संभाल रहे थे. पिछले साल 3 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आप नेता राज कुमार आनंद के ठिकानों पर 22 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की थी.

दिल्ली के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आप नेता राज कुमार आनंद ने कहा कि जंतर-मंतर से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलते ही देश बदल जाएगा. राजनीति नहीं बदली है लेकिन राजनेता बदल गए हैं. हमारे पास 13 राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन उनमें से कोई भी दलित, महिला या पिछड़े वर्ग से नहीं है. इस पार्टी में दलित विधायकों, पार्षदों और मंत्रियों के लिए कोई सम्मान नहीं है. ऐसे में सभी दलित ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इन सबके चलते मेरा इस पार्टी में बने रहना मुश्किल है.''

कौन हैं राजकुमार आनंद?
राज कुमार आनंद साल 2020 के विधानसभा चुनाव में पटेल नगर विधानसभा सीट से विधायक बने थे. वह 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन से भी जुड़े रहे हैं. अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के लिए राजकुमार आनंद ने अलीगढ़ की एक ताला फैक्ट्री में बाल मजदूर के तौर पर भी काम किया. 'आनंदपथ पाठ फाउंडेशन' जैसी संस्थाएं बनाने वाले राजकुमार आनंद का नाम 'डॉ. आंबेडकर पाठशाला' से भी जुड़ा.

MA और LLB की पढ़ाई कर चुके राजकुमार आनंद का नाम दिल्ली की आबकारी नीति मामले में भी आया था. राजनीति में आने से पहले वह रेक्जीन लेदर के सफल कारोबारी हुआ करते थे. साल 2022 में तमाम विवादों में घिरने के बाद जब AAP के सबसे बड़े दलित चेहरे राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्री पद छोड़ा तो उनकी जगह पर राजकुमार आनंद को मंत्री बनाया गया था.

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