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भारतीय सेना में शामिल होगा 'प्रलय', 1200 किलोमीटर की रफ्तार से दुश्मनों पर बरपाएगा कहर

Pralay Ballistic Missile: रक्षा मंत्रालय ने अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 'प्रलय' बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट की तैनाती की जाएगी.

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Purushottam Kumar
भारतीय सेना में शामिल होगा 'प्रलय', 1200 किलोमीटर की रफ्तार से दुश्मनों पर बरपाएगा कहर

Pralay Ballistic Missile: भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके लिए सेना ने 'प्रलय' बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट की खरीद को मंजूरी दे दी है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है. इसे चीन और पाकिस्तान से लगे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात किया जाएगा.

प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों को हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में मंजूरी दी गई थी, जो 150-500 किलोमीटर के बीच लक्ष्य को आसानी से निशाना बना सकती है. जानकारी के अनुसार, सेना इन मिसाइलों को पारंपरिक हथियारों के साथ तैनात करेगी.

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बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) इन मिसाइलों को और विकसित कर रहा है. अगर सेनाएं चाहें तो इसकी रफ्तार को 1200 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से 2000  किलोमीटर प्रतिघंटा तक किया जा सकता है.  

इस मिसाइल का पिछले साल 21 दिसंबर और 22 दिसंबर को लगातार दो बार सफल परीक्षण किया गया था. 'प्रलय' सतह से सतह पर मार करने वाली एक अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है. यह हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है. इसमें इंटरसेप्टर मिसाइलों को विफल करने की क्षमताएं भी हैं.

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