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India Daily

'सिर्फ 10 साल और...', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया सेना को आधुनिक बनाने का सरकारी प्लान

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक शक्तिशाली स्वदेशी एयरो-इंजन विकसित करेगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और इसका क्रियान्वयन जल्द ही शुरू हो जाएगा.

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Edited By: Mayank Tiwari
Defence Minister Rajnath Singh
Courtesy: x@rajnathsingh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार, (30 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए भारत की सेना को आधुनिक बनाने और विदेशी निर्भरता से मुक्त करने की योजना का खुलासा किया. नोएडा में एक प्राइवेट एयरो इंजन टेस्ट सुविधा के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारतीय सेना को विदेशी आपूर्ति पर निर्भर रहना बर्दाश्त नहीं है. इस मौके पर उन्होंने सुदर्शन चक्र हवाई रक्षा प्रणाली की शुरुआत की घोषणा की, जो अगले दस वर्षों में देश के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को पूर्ण हवाई सुरक्षा प्रदान करेगी. 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह प्रणाली आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तत्वों से लैस होगी, जो सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगी. दरअसल, रक्षा मंत्री नोएडा में एक प्राइवेट एयरो इंजन टेस्टिंग सुविधा के उद्घाटन के लिए आए थे. उन्होंने कहा कि राफे एमफाइबर प्राइवेट लिमिटेड की रक्षा उपकरण और इंजन परीक्षण सुविधा "आत्मनिर्भर भारत का एक सशक्त प्रतिबिंब" है.

आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक: एयरो इंजन और सुदर्शन चक्र

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत जल्द ही एक शक्तिशाली स्वदेशी एयरो इंजन विकसित करेगा, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही इसकी शुरुआत होगी. सुदर्शन चक्र पहल को उन्होंने “भविष्य की सुरक्षा के लिए क्रांतिकारी कदम” करार दिया. इस सिस्टम से देश की हवाई शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, जो आधुनिक युद्ध के लिए महत्वपूर्ण है.

ड्रोन: आधुनिक युद्ध का नया हथियार

राजनाथ सिंह ने आधुनिक युद्ध रणनीति में ड्रोन की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि इन्हें भारत की युद्ध नीति में शामिल करना अनिवार्य हो गया है. उन्होंने कहा, “आम तौर पर जब हम ‘विमान’ शब्द सुनते हैं, तो तेजस, राफेल और फाइटर जेट्स की तस्वीरें दिमाग में आती हैं. यह स्वाभाविक है, क्योंकि ये सभी लड़ाकू विमान हैं.” हालांकि, उन्होंने जोड़ा कि बदलते समय में ड्रोन एक “महत्वपूर्ण शक्ति” के रूप में उभरे हैं. रूस-यूक्रेन संघर्ष का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “अगर आप रूस-यूक्रेन संघर्ष को बारीकी से देखें, तो आपको पता चलेगा कि ड्रोन का काफी इस्तेमाल पहले, अब और लगातार हो रहा है.

ड्रोन तकनीक में भारत की प्रगति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ड्रोन के इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि पहले ये केवल निगरानी और टोह लेने के लिए उपयोग होते थे, लेकिन अब कई देश इन्हें युद्ध के लिए विकसित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक में निवेश करने वाले देशों ने युद्ध के क्षेत्र में बढ़त हासिल की है, जबकि अन्य पीछे रह गए.

राजनाथ सिंह ने बताया कि पहले भारत को ड्रोन आयात करने पड़ते थे, लेकिन अब हम इन्हें स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्माण कर रहे हैं. छह साल के अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा, “आज के रक्षा क्षेत्र की वास्तविकता विमान प्रौद्योगिकी और ड्रोन पर टिकी है.” साथ ही, उन्होंने देश के उद्यमियों की ड्रोन तकनीक में योगदान की सराहना की.