CP Radhakrishnan Vice President oath: भारत की राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक रहा है. देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है. सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. यह अवसर इसलिए भी खास रहा क्योंकि राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज की और भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने.
उपराष्ट्रपति चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद कराया गया. इस चुनाव ने न केवल सत्ता और विपक्ष के बीच संतुलन दिखाया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि संसदीय राजनीति में लोकतांत्रिक परंपराएं कितनी मजबूत हैं. सीपी राधाकृष्णन की जीत ने भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है.
सीपी राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण का वीडियो देखें.
VIDEO | Delhi: CP Radhakrishnan takes oath as the Vice President of India.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2025
Radhakrishnan won the Vice Presidential Election on Tuesday by bagging 452 votes, while opposition candidate B Sudershan Reddy polled 300 votes.#vicepresidentofindia
(Source: Third Party)
(Full video… pic.twitter.com/qrNBzlzClG
मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत हासिल की. धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा था, क्योंकि यह उच्च संवैधानिक पद के लिए था.
राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने परिणाम घोषित करते हुए बताया कि 781 सांसदों में से 767 ने मतदान किया. इस तरह 98.2 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ. नतीजों के अनुसार राधाकृष्णन को भारी समर्थन मिला और वे भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए.
परिणामों के मुताबिक, राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी को केवल 300 वोट प्राप्त हुए. 152 मतों के अंतर से मिली यह जीत राधाकृष्णन की लोकप्रियता और राजनीतिक पकड़ को दर्शाती है.
उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले वे राज्यपाल के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां संभाल रहे थे.
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अतिरिक्त कार्यभार सौंपते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल का दायित्व भी सौंपा है.