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India Daily

तालिबान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार बैन, नहीं मिली अंदर जाने की अनुमति

तालिबान प्रशासन ने हाल के दशकों में निर्वाचित सरकारों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के लिए स्थापित अधिकारों को बड़े पैमाने पर खत्म कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगान महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के अवसरों से वंचित किया जा रहा है और वे पुरुष रिश्तेदारों के बिना कई सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं. इसके अलावा, लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Taliban Foreign Minister
Courtesy: Social Media

Women Entry Ban in Taliban Press Conference: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी सात दिवसीय दौरे पर गुरुवार को भारत पहुंचे.  इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की.  यह बैठक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी.  हालांकि, इस दौरे का सबसे चर्चित पहलू तालिबान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री पर लगाया गया प्रतिबंध रहा. 

अन्य देशों द्वारा नई दिल्ली में आयोजित आधिकारिक कार्यक्रमों और मीडिया वार्ताओं से महिला पत्रकारों को बाहर रखा जाना दुर्लभ है और यह तुरंत पता नहीं चल सका है कि तालिबान पक्ष ने भारतीय अधिकारियों को औपचारिक रूप से सूचित किया था या नहीं कि वह मुत्ताकी की बातचीत में महिला पत्रकारों को स्वीकार नहीं करेगा. 

तालिबान प्रशासन ने हाल के दशकों में निर्वाचित सरकारों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के लिए स्थापित अधिकारों को बड़े पैमाने पर खत्म कर दिया है.  संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगान महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के अवसरों से वंचित किया जा रहा है और वे पुरुष रिश्तेदारों के बिना कई सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं.  इसके अलावा, लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है. 

भारत की आधिकारिक यात्रा करने वाले पहले वरिष्ठ तालिबान पदाधिकारी मुत्ताकी निश्चिंत दिखे और उन्होंने सभी प्रश्नों के उत्तर उर्दू में दिए.  वह सम्मेलन कक्ष में बैठे थे, जहां बामियान में छठी शताब्दी की बुद्ध प्रतिमाओं को दर्शाया गया था, जिन्हें पूर्व तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था.  उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के दमन के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि 15 अगस्त, 2021 को काबुल में तालिबान के सत्ता में आने से पहले, अफगानिस्तान में हर दिन लगभग 200 से 400 लोग मारे जाते थे. 

उन्होंने कहा, "इन चार सालों में ऐसा कोई नुकसान नहीं हुआ है.  कानून लागू हैं और सबके अपने अधिकार हैं.  जो लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं, वे गलती कर रहे हैं.  हर देश के अपने रीति-रिवाज, कानून और सिद्धांत होते हैं और वे उन्हीं के अनुसार काम करते हैं.  यह सही नहीं है कि लोगों को उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं.  अगर लोग व्यवस्था और कानूनों से खुश नहीं थे, तो शांति कैसे लौटी?"


विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात में अमीर खान मुत्तकी ने भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की.  मुत्तकी ने इस दौरान यह आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होगा.  उन्होंने भारत के साथ आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई.  भारत ने भी अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय सहायता और विकास परियोजनाओं में सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई.