भारत ने एच-1बी वीजा नियुक्तियों में देरी और उनके रद्द होने को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के सामने औपचारिक रूप से चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिकी वीजा अपॉइंटमेंट की तारीख तय करने या उसे बदलने में दिक्कतों का सामना कर रहे नागरिकों से सरकार को कई शिकायतें मिली हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि वीजा संबंधी मामले अमेरिका के संप्रभु अधिकार क्षेत्र में आते हैं लेकिन भारत ने इस मुद्दे को नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी के अधिकारियों के समझ उठाया है.
जायसवाल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'भारत सरकार को अमेरिकी वीजा अपॉइंटमेंट की तारीख तय करने या उसे पुनर्निर्धारित करने में देरी और कठिनाइयों का सामना कर रहे भारतीय नागरिकों से कई शिकायतें मिली हैं हालांकि वीजा संबंधी मामले जारीकर्ता देश के संप्रभु अधिकार क्षेत्र में आते हैं. भारत ने नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष इन चिंताओं को उठाया है.'
उन्होंने आगे कहा कि इस देरी के कारण प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों को शिक्षा में व्यवधान सहित कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. सरकार इस मुद्दे को सुलझाने और भारतीय नागरिकों पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिकी पक्ष के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है.
VIDEO | Delhi: Responding to a media query on the issue of H-1B visa appointment cancellations, MEA spokesperson Randhir Jaiswal (@MEAIndia) says, “The Government of India has received multiple representations from Indian nationals facing delays and difficulties in scheduling or… pic.twitter.com/OdukIQ54Hj
— Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2025Also Read
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दुनियाभर में एच-1बी वीजा के आवेदकों को जांच और अस्थिरिता का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में भारत में अमेरिकी दूतावास ने घोषणा की कि उसने इस प्रोग्राम के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए एच-1वी और एच-4 वीजा आवेदकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति जांच शुरू कर दी है.
इसी बीच यह पॉलिसी अमेरिका में विचाराधीन है और एच-1बी सिस्टम पर अतिरिक्त पाबंदियां लगाए जाने की संभावना है. अमेरिकी श्रम विभाग ने वेतन संरक्षण नियमों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जिससे एच-1बी श्रमिकों के लिए प्रचलित वेतन आवश्यकताओं में काफी वृद्धि हो सकती है, जिससे कंपनियों को वीजा प्रायोजित करने से हतोत्साहित किया जा सकता है.
गृह सुरक्षा विभाग एच-1बी लॉटरी में अधिक वेतन पाने वाले आवेदकों को प्राथमिकता देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के करीब भी है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के उपायों से हाल ही में स्नातक हुए और अपना करियर शुरू कर चुके पेशेवरों जिनमें महत्वपूर्ण और उभरते हुए क्षेत्र भी शामिल हैं, के लिए पहुंच सीमित हो सकती है.
किसी भी बड़े बदलाव से भारतीय पेशेवरों पर असमान रूप से प्रभाव पड़ने की आशंका है क्योंकि एच-1बी वीजा के 70 प्रतिशत आवेदक भारत के ही हैं.