भारत से फरार कारोबारियों ललित मोदी और विजय माल्या को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया. इस वीडियो में दोनों खुद को भारत के “सबसे बड़े भगोड़े” बताते नजर आए. वीडियो सामने आने के बाद सरकार की भूमिका और प्रत्यर्पण प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे.
ललित मोदी ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह और विजय माल्या साथ दिखाई दे रहे थे. वीडियो में ललित मोदी यह कहते सुनाई दिए कि वे दोनों भारत के सबसे बड़े भगोड़े हैं. पोस्ट के कैप्शन में भी तंज भरे शब्द लिखे गए थे. हालांकि, बाद में यह पोस्ट हटा ली गई.
🚨 🇮🇳 UNBELIEVABLE! Embezzler of billions Lalit Modi brags on camera about being India’s top fugitive on the run!
— Uday Singh (@udaysinghkali) December 23, 2025
Vijay Mallya there but stays silent, skipping the shameless tirade.
These audacious criminals must be extradited back to India at any cost! pic.twitter.com/ijeNYZM4wB
62 वर्षीय ललित मोदी पर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप हैं. वह 2010 में भारत छोड़कर चले गए थे और 2019 में उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया.
वहीं 69 वर्षीय विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमोटर रहे हैं. उन पर बैंकों से लिए गए कर्ज को न चुकाने का आरोप है. वह करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज में डिफॉल्ट कर चुके हैं और 2016 में भारत से बाहर चले गए थे. उन्हें भी 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया.
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार सभी भगोड़ों को वापस लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग भारत के कानून द्वारा वांछित हैं, उन्हें देश लौटाकर अदालत में मुकदमे का सामना कराना सरकार का लक्ष्य है.
#WATCH | Delhi: On being asked about fugitives Lalit Modi and Vijay Mallya, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We remain fully committed that people who are fugitives and wanted by law in India, return to the country. For this, we are in talks with several governments and… https://t.co/Qvc71IDLJ7 pic.twitter.com/a8oAmGnXW1
— ANI (@ANI) December 26, 2025
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ऐसे मामलों में कई कानूनी और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाएं शामिल होती हैं. भारत अलग-अलग देशों की सरकारों के साथ लगातार बातचीत कर रहा है. हालांकि प्रक्रिया लंबी है, लेकिन सरकार का रुख साफ है कि कानून से भागने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
सरकार ने दोहराया है कि चाहे मामला कितना भी पुराना या जटिल क्यों न हो, भारत अपने आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के प्रयास जारी रखेगा ताकि वे देश की अदालतों में जवाबदेह बन सकें.