मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय अक्सर, अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. उनके मिलने वाले कांग्रेसी नेताओं का पॉलिटिकल करियर, हमेशा दांव पर लगा रहा है. वे जिससे मिल लें, कांग्रेस में तो उसका पत्ता साफ है. ऐसा ही कुछ इंदौर में एक बार फिर हुआ है. इंदौर जिले और शहर के कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी ने महज इसलिए सस्पेंड कर दिया क्योंकि दोनों नेताओं ने कैलाश विजयवर्गीय का पार्टी दफ्तर में स्वागत कर लिया और मिठाई खिला दी.
कैलाश विजयवर्गीय 12 जुलाई को ही दोनों नेताओं से मुलाकात करने दफ्तर पहुंचे थे. उन्हें नेताओं ने एक गुलदस्ता और मिठाई देकर स्वागत किया था. कैलाश विजयवर्गीय दोनों नेताओं से किसी राजनीतिक मकसद के साथ मिलने नहीं गए थे. वे सिर्फ उन्हें वृक्षारोपण के एक कार्यक्रम में आमंत्रित करने गए थे.
कांग्रेस अभी अक्षय बम वाले कांड से बाहर नहीं है. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम जैसे ही कैलाश विजयवर्गीय से मिले, उन्होंने उम्मीदवारी वापस ले ली और बीजेपी में जा मिले. कांग्रेस दूध से ऐसे जली है कि अब छाछ भी फूंक-फूंक कर पी रही है.
दोनों नेताओं को मिले नोटिस में पार्टी की ओर स ेकहा गया है, 'जो संवैधानिक नीतियों का हत्यारा हो, जिसने इंदौर के लोगों से गांधी भवन में वोट करने का हक छीन लिया हो, उसे उसका स्वागत करना, अनुशासन का उल्लंघन है. अगले 7 दिनों के अंदर ये बताएं कि आपने ऐसा क्यों किया है, वरना खुद को निलंबित ही मानें.'
कांग्रेस इंदौर शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव ने खुद पर हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, 'यह राजनीतिक मिलन नहीं था. अगर कोई दुश्मन भी हमारे घर आता है तो हमारे सिद्धांत ये कहते हैं कि उनका स्वागत करें. मैंने सिर्फ यही कहा है.'
नेताओं ने कहा कि उन्होंने शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान हुए वृक्षारोपण घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने कैलाश विजयवर्गीय से कहा कि 51 लाख पेड़ों को सच में लगाया जाए, इसमें धांधली न हो.
सुरजीत चड्ढा ने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं से बात की और कहा कि कैलाश विजयवर्गीय आना चाहते हैं. वे कांग्रेस भवन आए. उन्होंने इस पर कोई ऐतराज नहीं जताया. पार्टी को उन्होंने अपना जवाब दे दिया है. पार्टी ने अभी तक यह नहीं बताया कि इसपर एक्शन नहीं लिया गया है या नहीं.