नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के 'वंशवाद' पर दिए गए बयान ने सियासी हलचल मचा दी है. बीजेपी ने इसे राहुल गांधी पर सीधा हमला बताते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. थरूर ने 31 अक्टूबर को प्रोजेक्ट सिंडिकेट पर प्रकाशित एक लेख में लिखा कि 'वंश आधारित राजनीति शासन की गुणवत्ता को कमजोर करती है'. उन्होंने कहा कि जब राजनीति में योग्यता की जगह वंश का प्रभाव हावी हो जाता है, तो लोकतंत्र का असली अर्थ खो जाता है.
थरूर के इस बयान पर बीजेपी ने कहा कि उन्होंने सीधे तौर पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला किया है. बीजेपी नेताओं ने सोशल मीडिया पर कहा कि कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता ही अब अपने शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठा रहा है. हालांकि कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं ने थरूर के बयान पर अपनी राय दी है. कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि वंशवाद सिर्फ राजनीति में नहीं बल्कि हर क्षेत्र में है.
"Nehru-Gandhi family cemented that political leadership can be a birthright": Shashi Tharoor says dynastic politics threat to Indian democracy
— ANI Digital (@ani_digital) November 3, 2025
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उन्होंने कहा, 'डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, बिजनेसमैन का बच्चा व्यापार करता है और राजनीति में भी यही चलता है.' उन्होंने अमित शाह, ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, शरद पवार और मायावती जैसे नेताओं के परिवारों का उदाहरण देते हुए कहा कि वंशवाद हर पार्टी में मौजूद है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी थरूर के विचारों से असहमति जताई.
उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने योग्यता और बलिदान के दम पर देश का नेतृत्व किया है. तिवारी ने कहा, 'पंडित नेहरू सबसे योग्य प्रधानमंत्री थे. इंदिरा गांधी ने अपने जीवन की आहुति दी. राजीव गांधी ने भी देश की सेवा करते हुए बलिदान दिया. अगर कोई गांधी परिवार को वंशवादी कहता है तो उससे ज्यादा समर्पित परिवार कोई नहीं है.'
कांग्रेस नेता राशिद अलवी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता तय करती है कि कौन सत्ता में आएगा. उन्होंने कहा, 'अगर किसी के पिता सांसद थे तो इसका मतलब यह नहीं कि बेटा चुनाव नहीं लड़ सकता. यह लोकतंत्र है और जनता ही आखिरी फैसला करती है.'
थरूर ने अपने लेख में लिखा था कि 'नेहरू-गांधी परिवार का प्रभाव भारत की आजादी की लड़ाई से जुड़ा है, लेकिन इसी ने यह धारणा भी बना दी कि राजनीतिक नेतृत्व एक जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है.' उन्होंने कहा कि जब पद वंश के आधार पर तय होते हैं तो शासन की गुणवत्ता गिर जाती है. इस विवाद के बीच कांग्रेस के भीतर थरूर को लेकर मतभेद भी उभरकर सामने आए हैं. हाल ही में सरकार ने उन्हें ऑपरेशन सिंदूर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा था, जिस पर पार्टी ने नाराजगी जताई थी.