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'लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे' आखिर क्यों सरकार पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. इस दौरान सीजेआई ने तल्ख टिप्पणी की है. सीजेआई ने कि और हम लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं देंगे. 

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Supreme Court on Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों ने मामले पर सुनावाई की. इस दौरान  चीफ जस्टिस ने उस वीडियो को देखा जिसमें एक अधिकारी कथित रुप से वोटों को रद्द कर रहे थे. इसके बाद सीजेआई ने तल्ख टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है और हम लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं देंगे. 

रिटर्निंग ऑफिसर पर भड़के CJI

सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराने वाले रिटर्निंग ऑफिसर की आलोचना करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि  क्या वह इसी तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम हैरान हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है?

चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक टालने के निर्देश

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए टाल दिया जाए.

क्या है पूरा मामला

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 36 वोट डाले गए थे. 36 वोट डाले जाने के बाद 19 वोट पाने वाले को चुनाव में जीत हासिल होनी थी. इसी को देखते हुए 13 सीटों वाली आम आदमी पार्टी ने 7 सीटों वाली कांग्रेस से हाथ मिलाई थी. हालांकि, मतदान के बाद 16 वोट हासिल करके बीजेपी उम्मीदवार की जीत का ऐलान किया गया. इस दौरान विपक्षी उम्मीदवार को 12 वोट मिले और 8 वोट खारिज किए गए. चुनाव के बाद वोटों की गिनती से पहले का एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो में अनिल मसीह को बैलट पेपर्स पर कुछ लिखते हुए देखा गया था. इसी को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हंगामा किया और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा.