Supreme Court on Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों ने मामले पर सुनावाई की. इस दौरान चीफ जस्टिस ने उस वीडियो को देखा जिसमें एक अधिकारी कथित रुप से वोटों को रद्द कर रहे थे. इसके बाद सीजेआई ने तल्ख टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है और हम लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराने वाले रिटर्निंग ऑफिसर की आलोचना करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि क्या वह इसी तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम हैरान हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है?
Chandigarh mayoral polls: Supreme Court slams Returning Officer who held the Chandigarh Mayor elections and says it is obvious that Returning Officer has defaced the ballot papers.
— ANI (@ANI) February 5, 2024
Supreme Court says, "Is this the way he conducts the elections? This is a mockery of democracy.…
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए टाल दिया जाए.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 36 वोट डाले गए थे. 36 वोट डाले जाने के बाद 19 वोट पाने वाले को चुनाव में जीत हासिल होनी थी. इसी को देखते हुए 13 सीटों वाली आम आदमी पार्टी ने 7 सीटों वाली कांग्रेस से हाथ मिलाई थी. हालांकि, मतदान के बाद 16 वोट हासिल करके बीजेपी उम्मीदवार की जीत का ऐलान किया गया. इस दौरान विपक्षी उम्मीदवार को 12 वोट मिले और 8 वोट खारिज किए गए. चुनाव के बाद वोटों की गिनती से पहले का एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो में अनिल मसीह को बैलट पेपर्स पर कुछ लिखते हुए देखा गया था. इसी को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हंगामा किया और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा.