'जीत जरूर है, विकेट नहीं', ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए नुकासन को लेकर CDS अनिल चौहान ने बताई क्रिकेट वाली एनालॉजी
उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान को हुए नुकसान का आंकड़ा जल्द ही तकनीकी आधार पर तैयार किया जाएगा.

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान हुए नुकसान को समझाने के लिए क्रिकेट की एक अनोखी मिसाल दी.
मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे में ‘भविष्य के युद्ध और युद्धकला’ पर एक विशेष व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा कि जब आप टेस्ट मैच में एक पारी से जीत हासिल करते हैं, तो यह पूछना बेमानी है कि कितने विकेट गिरे, कितनी गेंदें फेंकी गईं या कितने खिलाड़ी खेले.
नुकसान गिनना नहीं, जीत पर ध्यान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर हुए नुकसान के बारे में पूछे गए सवाल पर CDS चौहान ने कहा, “जब मुझसे हमारे नुकसान के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है. असल में नतीजा और आपका प्रदर्शन मायने रखता है. नुकसान की बात करना पूरी तरह सही नहीं होगा. मान लीजिए, आप क्रिकेट टेस्ट मैच में एक पारी से जीत जाते हैं, तो फिर यह सवाल नहीं उठता कि कितने विकेट गिरे, कितनी गेंदें फेंकी गईं या कितने खिलाड़ी मैदान में थे.”
उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान को हुए नुकसान का आंकड़ा जल्द ही तकनीकी आधार पर तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम तकनीकी मापदंडों के आधार पर यह डेटा निकालेंगे और आपके साथ साझा करेंगे. हम बताएंगे कि हमने कितने विमान नष्ट किए, कितने रडार तोड़े. इसका एक मोटा अनुमान जल्द ही सामने लाया जाएगा.”
युद्ध और राजनीति का पुराना रिश्ता
CDS चौहान ने अपने व्याख्यान में युद्ध और युद्धकला को मानव सभ्यता का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, “युद्ध और युद्धकला मानव इतिहास के साथ जुड़े हुए हैं. किसी भी युद्ध में दो मुख्य तत्व होते हैं- हिंसा और इसके पीछे की राजनीति. तीसरा तत्व है संचार, जो लगातार चलता रहता है.”
उन्होंने कहा, “हमें अपनी गलतियों को समझना और सुधारना चाहिए. असफलताओं के साथ रुकना हमारे लिए ठीक नहीं है.”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ सटीक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को पहलगाम हमले से जुड़े सीमा पार आतंकी नेटवर्क के खिलाफ शुरू किया गया था. इस ऑपरेशन के तीन मुख्य उद्देश्य थे- सैन्य, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक. सभी उद्देश्य पूरे हुए और 100 से अधिक आतंकवादी, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे बड़े नाम शामिल थे, बिना किसी नागरिक को नुकसान पहुंचाए नष्ट किए गए. इस ऑपरेशन में स्कैल्प क्रूज मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम और सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जो भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी क्षमता को दर्शाता है.
वैश्विक मंच पर भारत की पहल
ऑपरेशन के बाद भारत ने 33 देशों के साथ कूटनीतिक संपर्क शुरू किया है ताकि गलत सूचनाओं का मुकाबला किया जा सके और पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली भूमिका को उजागर किया जाए. यह कदम भारत की रणनीति को और मजबूत करता है.
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