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Political Reaction on CAA: शरणार्थियों के लिए तोहफा या देश के लिए बवाल! CAA पर जारी हुई अधिसूचना तो जानें क्या है विपक्ष का हाल

Political Reaction on CAA: केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से जारी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नोटिफिकेशन को लेकर विपक्ष में खलबली मचा दी है. कांग्रेस और टीएमसी ने इसका विरोध करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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Political Reaction on CAA: लोकसभा चुनाव से पहले गृहमंत्रालय की ओर से देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया गया है. केंद्र की भाजपा सरकार ने इसको लेकर काफी समय से तैयारी कर रखी थी. उधर, पूर्व में विपक्ष सीएए को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधता रहा है. कई राज्यों में इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे. 

सीएए के लागू होने पर विपक्ष ने फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ये विरोध खासकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है. ममता ने इतना तक कह दिया है कि मैं भेदभाव को लेकर लोगों के साथ खड़ी हूं.

ममता बनर्जी ने CAA को लेकर कही ये बात

सीएए लागू होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना विरोध जताया है. उन्होंने साफ किया है कि वो इस कानून के खिलाफ लोगों के साथ खड़ी रहेंगी.  उन्होंने कहा कि लोगों के बीच जो भी चीज भेद-भाव पैदा करेगी, मैं हर उस चीज का विरोध करूंगी. ये भाजपा का सिर्फ दिखावा है. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को सीएए के नाम पर डिटेंशन कैम्प भेजा जाएगा तो मैं एनआरसी का भी विरोध करूंगी. 

ममता बनर्जी ने कहा है कि इस कानून में कुछ भी नहीं है. मैं कल हाबड़ा में एक बैठक को संबोधित करूंगी, जहां पर मैं सीएए की अधिसूचना पढ़ने के बाद उस पर बात करूंगी. पश्चिम बंगाल और नॉर्थईस्ट के लिए सीएए और एनआरसी काफी सेंसिटिव मुद्दे हैं और मैं लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी तरह की अराजकता नहीं चाहती.

कांग्रेस के जयराम रमेश बोले- सफेद झूठ की एक झलक

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सीएए पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2019 में संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए. प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है. सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है. 

नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है. ये फैसला चुनावों के दौरान असम और बंगाल में वोटर पोलराइजेशन के लिए किया गया है. मोदी सरकार का यह पैंतरा चुनावी बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी समझ आता है.

मोदी जो कहते हैं, वो करते हैंः अमित मालवीय

भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी सीएए को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि गृह मंत्रालय (MHA) ने एक बड़ी घोषणा की है. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत बहुप्रतीक्षित नियमों को अधिसूचित किया जाएगा. नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे. पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और आवेदन जमा करने के लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है. मोदी जी जो कहते हैं, वो करते हैं.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी केंद्र की ओर से जारी की गई CAA अधिसूचना को पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि जब देश में अपने नागरिकों को रोजगार नहीं मिल रहा तो दूसरे देश के लोगों को नागरिकता देकर क्या करना चाहती है मोदी सरकार.

AIMIM पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी सीएए को लागू करने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया और कहा कि आप क्रोनॉलोजी समझिए. पहले चुनावी सीजन आएगा फिर सीएए के नियम आएंगे. हमारा सीएए को लेकर विरोध आज भी जारी है. सीएए देश को गोडसे के विचारों के जरिए बांटने वाला नियम है और मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटिजन में सिमटने पर मजबूर करता है.

शिवसेना गुट के नेता संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि ये बीजेपी का लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी दाव है, चलने दीजिए, जब तक चुनाव है तब तक वो CAA-CAA खेलेंगे.

ओवैसी ने केंद्र की भाजपा पर साधा निशाना

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) सिर्फ समाज के मुस्लिम वर्ग को टारगेट करने के लिए है. ओवैसी ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जिन भारतीयों ने पहले सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का विरोध करने के लिए प्रदर्शन किया था, उनके पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

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