Political Reaction on CAA: लोकसभा चुनाव से पहले गृहमंत्रालय की ओर से देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया गया है. केंद्र की भाजपा सरकार ने इसको लेकर काफी समय से तैयारी कर रखी थी. उधर, पूर्व में विपक्ष सीएए को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधता रहा है. कई राज्यों में इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे.
सीएए के लागू होने पर विपक्ष ने फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ये विरोध खासकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है. ममता ने इतना तक कह दिया है कि मैं भेदभाव को लेकर लोगों के साथ खड़ी हूं.
सीएए लागू होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना विरोध जताया है. उन्होंने साफ किया है कि वो इस कानून के खिलाफ लोगों के साथ खड़ी रहेंगी. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच जो भी चीज भेद-भाव पैदा करेगी, मैं हर उस चीज का विरोध करूंगी. ये भाजपा का सिर्फ दिखावा है. उन्होंने कहा कि अगर लोगों को सीएए के नाम पर डिटेंशन कैम्प भेजा जाएगा तो मैं एनआरसी का भी विरोध करूंगी.
ममता बनर्जी ने कहा है कि इस कानून में कुछ भी नहीं है. मैं कल हाबड़ा में एक बैठक को संबोधित करूंगी, जहां पर मैं सीएए की अधिसूचना पढ़ने के बाद उस पर बात करूंगी. पश्चिम बंगाल और नॉर्थईस्ट के लिए सीएए और एनआरसी काफी सेंसिटिव मुद्दे हैं और मैं लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी तरह की अराजकता नहीं चाहती.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सीएए पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2019 में संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए. प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है. सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है.
नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है. ये फैसला चुनावों के दौरान असम और बंगाल में वोटर पोलराइजेशन के लिए किया गया है. मोदी सरकार का यह पैंतरा चुनावी बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी समझ आता है.
दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 11, 2024
मोदी जो कहते हैं, वो करते हैंः अमित मालवीय
भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी सीएए को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि गृह मंत्रालय (MHA) ने एक बड़ी घोषणा की है. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत बहुप्रतीक्षित नियमों को अधिसूचित किया जाएगा. नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे. पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और आवेदन जमा करने के लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है. मोदी जी जो कहते हैं, वो करते हैं.
Ministry of Home Affairs (MHA) makes a big announcement. The much awaited Rules under the Citizenship (Amendment) Act, 2019, will be notified. These rules, called the Citizenship (Amendment) Rules, 2024, will enable the persons eligible under CAA-2019 to apply for grant of Indian…
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 11, 2024
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी केंद्र की ओर से जारी की गई CAA अधिसूचना को पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि जब देश में अपने नागरिकों को रोजगार नहीं मिल रहा तो दूसरे देश के लोगों को नागरिकता देकर क्या करना चाहती है मोदी सरकार.
जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 11, 2024
जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये।
चाहे कुछ हो…
AIMIM पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी सीएए को लागू करने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया और कहा कि आप क्रोनॉलोजी समझिए. पहले चुनावी सीजन आएगा फिर सीएए के नियम आएंगे. हमारा सीएए को लेकर विरोध आज भी जारी है. सीएए देश को गोडसे के विचारों के जरिए बांटने वाला नियम है और मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटिजन में सिमटने पर मजबूर करता है.
Aap chronology samajhiye, pehle election season aayega phir CAA rules aayenge. Our objections to CAA remain the same. CAA is divisive & based on Godse’s thought that wanted to reduce Muslims to second-class citizens.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 11, 2024
Give asylum to anyone who is persecuted but citizenship must…
शिवसेना गुट के नेता संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि ये बीजेपी का लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी दाव है, चलने दीजिए, जब तक चुनाव है तब तक वो CAA-CAA खेलेंगे.
#WATCH मुंबई: केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "...ये उनका(भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो... वे लोग ये खेल करते रहते हैं... जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो।" pic.twitter.com/CJMRmVLnoP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2024
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) सिर्फ समाज के मुस्लिम वर्ग को टारगेट करने के लिए है. ओवैसी ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जिन भारतीयों ने पहले सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का विरोध करने के लिए प्रदर्शन किया था, उनके पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
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