PM Modi on CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सोमवार देर शाम को अधिसूचना जारी कर दी गई है. गृह मंत्रालय की ओर से इसको लेकर पूर्व में ही ऐलान किया गया था. इस कानून के लागू होने से भारत में रहने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोगों को नागरिकता मिल जाएगी. बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान घोषित किए गए अपने मैनिफेस्टो में भी इसको शामिल किया था. नोटिफिकेशन जारी होते ही देशभर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. खासकर पश्चिम बंगाल में सीआरपीएफ और पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात की गई हैं.
इस अधिसूचना में मुस्लिम समुदाय के शरणार्थियों को शामिल नहीं किया गया है. सीएए को लेकर होम मिनिस्ट्री ने अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत गृह मंत्रालय ने नागरिकता देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है. इसके जरिए एप्लिकेंट ऑनलाइन तरीके से सिटिजनशिप के लिए आवेदन कर सकेंगे. एप्लिकेंट्स को इस प्रक्रिया में अपने दस्तावेजों में सिर्फ भारत में अवैध तरीके से शरण लेने का साल घोषित करना होगा और इसके लिए किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की दरकार नहीं होगी.
The applications will be submitted in a completely online mode for which a web portal has been provided. (2/2)@HMOIndia @PIB_India @DDNewslive @airnewsalerts
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) March 11, 2024
सीएए को 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पास किया गया था जिसके बाद पूरे देश में यह चर्चा और विरोध का विषय बना हुआ था. नागरिकता संशोधन कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने का फास्ट ट्रैक रोड तैयार करता है.
इसके लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है जिसके इस्तेमाल से जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने की वजह से भारत में शरण लेने पहुंचे हैं उन्हें भारत की नागरिकता दी जा सकेगी.
इस कानून को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में धरना और असम के गुवाहाटी में काफी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था, हालांकि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए लोगों का अपना धरना वापस लेना पड़ा था. उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून को संसद में पारित हुए चार साल से ज्यादा हो गए है लेकिन इसे लागू करने में इसलिए ज्यादा वक्त लगा क्योंकि इसके नियमों और प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना था.