menu-icon
India Daily
share--v1

Gujarat News: गुजरात में अतिक्रमण पर चल रहा दादा का बुलडोजर, 108 मजारों को किया गया ध्वस्त

Gujarat home minister Harsh Sanghavi: गुजरात विधानसभा में राज्य सरकरा ने बड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया है कि सूबे में 108 मजारों को ध्वस्त किया है. मंत्री संघवी ने कहा कि हमारी सरकार मंदिरों की सुरक्षा को लेकर सजग है.

auth-image
India Daily Live
Gujarat home minister Harsh Sanghavi

Gujarat News: गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने गुजरात विधानसभा को बड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि CM भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार ने अतिक्रमणों पर कार्रवाई करते हुए 108 मजारों को ध्वस्त कर दिया है. साजिश के तहत होने वाले किसी भी अतिक्रमण के खिलाफ सरकार ऐसे अभियानों को अंजाम देती रहेगी. सांघवी ने गुजरात की जनता को यह भरोसा देते हुए कहा कि राज्य सरकार मंदिरों को किसी भी दुर्भावनापूर्ण इरादे से बचाने के लिए सतर्क और सजग है. सांघवी ने कहा कि अब दादा भूपेंद्र पटेल का बुलडोजर प्रदेश के कोने-कोने में घूम रहा है, ताकि साजिश रचते हुए किसी मंदिर या देवस्थान को हटाया न जा सके. कोई नहीं जानता कि यह बुलडोजर कहां जाएगा.

दरअसल संघवी ने गृह विभाग के लिए बजटीय आवंटन के लिए सदन की मंजूरी मांगते हुए विधानसभा में बोल रहे थे. उन्होंने जूनागढ़ में ऊपरकोट किला परिसर के भीतर अचानक कई मजारों के सामने आने के संबंध में सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ऊपरकोट में यह साफ नहीं था कि सभी मजार कहां और कब बनाए गए थे. इसे अचानक कैसे बनाया जा सकता है? 

राज्य में 108 मजारों को किया गया ध्वस्त 

संघवी ने अपने संबोधन में कहा कि कुल मिलाकर राज्य में 108 मजारों को ध्वस्त कर दिया गया है और राज्य की संपत्तियों को खोल दिया गया है. सोमनाथ के आसपास का अतिक्रमण हटा दिया गया है. दादा का ये बुलडोजर 20 फीट चौड़ी सड़क और 80 मीटर चौड़ी सड़क में घुस सकता है. 

गरबा प्रदर्शन के विरोध पर मंत्री संघवी की दो टूक  

मंत्री संघवी ने नवरात्रि उत्सव को देर रात तक बढ़ाए जाने को लेकर हो रही आलोचना का जिक्र किया. उन्होंने उच्च न्यायालय में हाल ही में दायर एक जनहित याचिका का हवाला देते हुए देर रात के गरबा प्रदर्शन के विरोध पर अफसोस जताया और राज्य की पहचान के अभिन्न अंग सांस्कृतिक प्रथाओं का बचाव किया. नवरात्रि को पूरी रात मनाने की अनुमति दी गई थी ताकि गुजरात के लोग देवी की पूजा कर सकें और रात भर रास खेल सकें. उच्चतम न्यायालय और गुजरात उच्च न्यायालय के गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमने निश्चित रूप से संगीत की ध्वनि कम कर दी है.