Nikhil Kamath Podcast Brian Johnson: Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में हाल ही में शामिल होने अमेरिकी मिलियनेयर ब्रायन जॉनस आए ते. लेकिन ब्रायन ने यह पॉडकास्ट बीच में खत्म कर दिया और वह पॉडकास्ट को बीच में ही छोड़ वापस चले गए. जॉनसन ने खुलासा किया कि उन्हें खराब एयर क्वालिटी (AQI) की वजह से वहां से बीच में ही निकलना पड़ा था.
निखिल कामथ का पॉडकास्ट बीच में छोड़कर क्यों निकल गए अमेरिकी अरबपति?
हाल ही में ब्रायन जॉनसन अपनी किताब 'Don't Die' के प्रमोशन के लिए भारत आए थे. इस दौरान निखिल कामथ ने उन्हें अपने पॉडकास्ट में बुलाया था. जॉनसन मास्क और एयर प्यूरीफायर के साथ पॉडकास्ट में शामिल हुए थे, लेकिन खराब एयर क्वालिटी की वजह से वह बीच में ही पॉडकास्ट छोड़कर चले गए. अमेरिकी मिलियनेयर ब्रायन जॉनसन ने कहा कि भारत में वायु प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के बारे में सभी को पता है, लेकिन उसके बावजूद कोई इसपर ध्यान नहीं देता.
When in India, I did end this podcast early due to the bad air quality. @nikhilkamathcio was a gracious host and we were having a great time. The problem was that the room we were in circulated outside air which made the air purifier I'd brought with me ineffective.
Inside,… https://t.co/xTkpW567Xv
— Bryan Johnson /dd (@bryan_johnson) February 3, 2025
अमेरिका लौटने के बाद, जॉनसन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कामथ के साथ अपना पॉडकास्ट बीच में छोड़ने का कारण शेयर किया. उन्होंने X पर लिखा, 'निखिल कामत बेहतरीन होस्ट थे और हमने बहुत अच्छा समय बिताया. समस्या यह थी कि जिस कमरे में हम थे, उसमें बाहर की हवा अंदर आ रही थी, जिससे मेरा एयर प्यूरीफायर काम नहीं कर पा रहा था. अंदर, AQI 130 था और PM2.5 75 µg/m³ था, जो 24 घंटे के एक्सपोज़र में 3.4 सिगरेट पीने के बराबर है. यह भारत में मेरा तीसरा दिन था और वायु प्रदूषण के कारण मेरी त्वचा पर दाने निकल आए थे और मेरी आंखें और गला जल गया था.'
'भारत में वायु प्रदूषण सामान्य हो गया है' : ब्रायन जॉनसन
छह दिनों तक भारत में रहने वाले जॉनसन ने कहा कि 'देश में वायु प्रदूषण काफी हद तक सामान्य हो गया है, लोग खतरनाक स्तर पर भी मास्क नहीं पहन रहे हैं. भारत में वायु प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के बारे में लगभग सभी को पता है, लेकिन उसके बावजूद कोई इसपर ध्यान नहीं देता. लोग दौड़ते रहते हैं. छोटे बच्चे भी इसके संपर्क में रहते हैं. कोई मास्क नहीं पहनता है, जो जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे स्तर पर वायु गुणवत्ता को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया जाना चाहिए.