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'बहू को वीडियो कॉल पर साफ घर दिखाने के लिए मजबूर करना क्रूरता', HC ने रद्द की ससुराल पक्ष की याचिका

बॉम्बे हाई कोर्ट ने चेंबूर के एक शख्स, उसके पिता और तीन शादीशुदा बहनों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया. शख्स की नवविवाहित पत्नी की ओर से FIR दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि उसके पति की तीनों शादीशुदा बहन वीडियो कॉल कर घर की साफ-सफाई दिखाने को कहती थी. तीनों ने मिलकर घर का काम करने वाली मेड को भी निकाल दिया था.

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Edited By: India Daily Live
Bombay High Court
Courtesy: Social Media

बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में चेंबूर के एक शख्स, उसके पिता और तीन शादीशुदा बहनों के खिलाफ IPC की धारा 498ए के तहत क्रूरता के आरोप में दर्ज FIR को रद्द करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. आरोपों में शिकायतकर्ता नवविवाहित महिला ने कहा था कि उससे घर का काम कराया जाता था, फिर सबूत के तौर पर वीडियो कॉल कर साफ घर को दिखाने के लिए कहा जाता था. शिकायतकर्ता महिला ने याचिकाकर्ताओं पर अपने माता-पिता से गिफ्ट मांगने का भी आरोप लगाया.

नवविवाहित महिला ने शिकायत में कहा कि ससुराल पक्ष के सदस्यों ने मेरे मायके से मिले ज्वेलरी को भी जबरन अपने पास रख लिया था. कोर्ट ने पाया कि आरोप इतने गंभीर हैं कि शिकायत करने वाली नवविवाहित महिला की सुरक्षा के लिए चिंता की बात है. जस्टिस अजय गडकरी और नीला गोखले ने 22 जुलाई को कहा कि नवविवाहित महिला को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर उसके द्वारा साफ किए गए घर को दिखाने के लिए मजबूर करना दुर्व्यवहार से जुड़ा मामला है और ये कूर तरीका है.

आखिर मामला क्या है?

चेंबूर जिले के तिलक नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के अनुसार, शिकायत करने वाली नवविवाहिता और बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले शख्स की शादी दिसंबर 2021 में हुई थी. नवविवाहित महिला के पति की तीन बहनें हैं, जो शादीशुदा हैं और अपने-अपने ससुराल में रहती हैं. 

नवविवाहित की ओर से आऱोप लगाया गया है कि ससुराल में रहने के बावजूद उसके पति की तीनों बहनें मेरे घर में हस्तक्षेप करती हैं. तीनों बहनों ने पहले मेरे घर की मेड को काम से निकाल दिया और मुझे घर का सारा काम करने का निर्देश दिया. इसके बाद तीनों वीडियो कॉल कर मुझसे साफ-सफाई के बाद घर दिखाने को कहती थीं. वे मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर बताती थीं कि मुझे ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में क्या बनाना है.

शिकायत में महिला ने बताया मेरे पति और उनकी तीनों बहनों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसमें वो मुझे डांटती थीं और मेरे पति से मेरी शिकायतें करती थीं. आरोप है कि बहनों की ओर से भड़काने के बाद मेरे पति ने मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और आए दिन झगड़ा करने लगे. मेरे चरित्र पर संदेह किया.

नवविवाहिता ने और क्या आरोप लगाए?

नवविवाहिता ने दर्ज कराई गई FIR में बताया कि शादी के करीब एक साल बाद यानी 11 अक्टूबर, 2022 को मेरे पति की बहनें घर आईं और मुझसे दुर्व्यवहार किया. महिला ने आरोप लगाया कि तीनों बहनों ने मेरे माता-पिता से शादी के नाम पर गिफ्ट की भी डिमांड की. जब मेरे माता-पिता ने उनकी डिमांड को मानने से इनकार कर दिया, तो उन्होंने मुझे घर से बाहर निकाल दिया और मेरी ज्वेलरी जबरन अपने पास रख ली.

आरोपियों के वकील ने क्या दलीलें दीं?

नवविवाहिता की ओर से दर्ज FIR को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले आरोपियों के वकील ने कहा कि शिकायत वैवाहिक विवाद से संबंधित है जिसे आपराधिक रंग दिया गया है. उन्होंने कहा कि धारा 498 ए का दुरुपयोग किया जा रहा है. वहीं, नवविवाहिता के वकील प्रेरक चौधरी ने कहा कि आरोपियों के माता-पिता और चाचा ने शिकायत की पुष्टि की है. इसके बाद फैसले में जजों ने कहा कि FIR से पता चलता है कि शिकायतकर्ता अकेली महिला है, जो नवविवाहित है और वो अकेली 5 आरोपियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है.

जजों ने कहा कि आरोपी छोटी-छोटी बातों पर नवविवाहिता के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे. उनका एकमात्र उद्देश्य नवविवाहिता के माता-पिता से पैसे ऐंठना प्रतीत होता है. ये इस तथ्य से स्पष्ट है कि नवविवाहिता को ससुराल से निकाले जाने केे बाद उसकी ज्वेलरी को जबरन रख लिया गया. उन्होंने कहा कि नवविवाहिता के पास ये आशंका करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपियों के हाथों उसकी जान को खतरा था.