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दिल्ली चुनाव में भाजपा की सफलता का श्रेय प्रचार गीतों को भी जाता है: पार्टी नेता

दिल्ली चुनाव में भाजपा की सफलता में प्रचार गीतों का बड़ा योगदान रहा, जिसमें मनोज तिवारी और अमित ढुल जैसे कलाकारों ने अपनी आवाज दी.

Anvi shukla
Edited By: Anvi Shukla
delhi elections  2025
Courtesy: social media

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सफलता का श्रेय जिन विभिन्न कारकों को जाता है, उनमें इसके लोकप्रिय प्रचार गीत भी शामिल हैं. इसमें से दो गीत पार्टी सांसद मनोज तिवारी ने गाए हैं। उनके अलावा अमित ढुल और आजमगढ़ के पूर्व सांसद एवं भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने भी इन गीतों को अपनी आवाज दी है.

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की सफलता में गीतों का योगदान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सफलता का श्रेय कई कारकों को जाता है, जिनमें पार्टी के प्रचार गीतों का भी अहम स्थान है. इन गीतों ने पार्टी के चुनावी अभियान को अधिक प्रभावशाली और आकर्षक बनाया. खासतौर पर, कुछ प्रमुख गानों ने पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

मनोज तिवारी और अन्य कलाकारों का योगदान

भा.ज.पा. के प्रचार गीतों में पार्टी सांसद मनोज तिवारी का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है. वे पार्टी के दो प्रमुख गीतों को अपनी आवाज दे चुके हैं. इसके अलावा, इन गीतों में भोजपुरी फिल्मों के मशहूर अभिनेता और आजमगढ़ के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ तथा संगीतकार अमित ढुल का भी योगदान रहा. इन कलाकारों की आवाज़ों ने गीतों को और भी प्रभावशाली बना दिया.

चुनाव प्रचार में गीतों का प्रभाव

भा.ज.पा. ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को हुए चुनावों से पहले एक महीने तक अपने प्रचार अभियान में इन गीतों का भरपूर उपयोग किया. पार्टी नेताओं ने बताया कि इन गीतों का चुनावी प्रचार में महत्वपूर्ण स्थान था और इनका प्रभाव चुनावी माहौल को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में देखा गया.

‘बहाने नहीं बदलाव चाहिए’ गीत की सफलता

भा.ज.पा. के नेता नील कांत बख्शी ने बताया कि मनोज तिवारी द्वारा गाया गया गीत "बहाने नहीं बदलाव चाहिए" पार्टी का सबसे लोकप्रिय और चर्चित गीत बन गया. यह गीत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की विफलताओं पर भाजपा के राजनीतिक हमलों का एक अभिन्न हिस्सा बन गया. इसके बोल और लय ने दिल्ली की जनता के बीच में एक गहरी छाप छोड़ी.

गीतों का रचनात्मकता और राजनीतिक संदेश

इन प्रचार गीतों के ‘क्रिएटिव डायरेक्टर’ नील कांत बख्शी ने कहा कि इन गीतों का सबसे बड़ा आकर्षण उनके आकर्षक बोल, लयबद्ध धुन और गहरी राजनीतिक संदेश था. इन गीतों ने न केवल भाजपा के संदेश को प्रभावी तरीके से प्रचारित किया, बल्कि जनता के बीच में पार्टी के प्रति सहानुभूति और समर्थन भी बढ़ाया.

इन गीतों की रचनात्मकता और प्रचार में योगदान ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की सफलता में अहम भूमिका निभाई है.