दिल्ली विधानसभा चुनाव अब नजदीक हैं, जो 5 फरवरी को एक चरण में होंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी. इस चुनावी दौर में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ भाजपा द्वारा लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं, जिनमें प्रमुख आरोप उनकी संपत्ति और आय में असामान्य वृद्धि को लेकर हैं. इस बार भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर उनके आय स्रोतों के बारे में गंभीर सवाल उठाए हैं.
बीजेपी का आरोप: केजरीवाल की आय में 40 प्रतिशत वृद्धि
सचदेवा ने कहा, “कई लोग मुश्किल समय में अपनी नौकरी गंवाकर या आय कम हो जाने के कारण परेशान थे, ऐसे में केजरीवाल का 2020-21 में 1,57,823 रुपए से बढ़कर 44,90,040 रुपए तक पहुंचना संदिग्ध है और 2023-24 में उनकी आय में 6 गुना की वृद्धि देखने को मिली है.” इसके अलावा, उन्होंने केजरीवाल पर यह आरोप भी लगाया कि वह केवल अपनी विधायकी की तनख्वाह को आय का एकमात्र स्रोत बताते आए हैं.
केजरीवाल केवल विधायक वेतन को अपना आय स्त्रोत बताते हैं और 2020-21 में बिना कोई अन्य आय स्त्रोत दिखाये उनकी आय में 40 गुणा और 2023-24 में 6 गुणा की असमान्य वृद्धि पर दिल्ली की जनता उनसे स्पष्टीकरण चाहती है।
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) January 16, 2025
2014-15 से 2019-20 के दूसरे मुख्यमंत्री काल के वर्षों में इनके आयकर…
चुनावी हलचल और भ्रष्टाचार के आरोप
बीजेपी ने न केवल केजरीवाल की आय वृद्धि पर सवाल उठाए, बल्कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को भी सामने रखा. केजरीवाल और उनके डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दोनों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जिन पर शराब नीति के माध्यम से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप था.
इस मामले में, ED ने दावा किया कि 45 करोड़ रुपए की रिश्वत का उपयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के गोवा चुनाव प्रचार में किया गया. आरोपों के मुताबिक, केजरीवाल और सिसोदिया ने AAP के राष्ट्रीय कार्यवाहक के रूप में पार्टी के चुनावी फंडिंग को नियंत्रित किया. ED ने केजरीवाल को इस कथित भ्रष्टाचार मामले में मुख्य आरोपी और "राजनीतिक दिमाग" करार दिया था.
कैसे बनाई इतनी संपत्ति जवाब दें केजरीवाल
सचदेवा ने कहा, “अगर अरविंद केजरीवाल की आय में यह वृद्धि वास्तविक है, तो उन्हें दिल्ली की जनता के सामने इसका स्पष्ट विवरण देना चाहिए. 2020-21 के कठिन साल में, जब अधिकांश लोगों की आमदनी प्रभावित हुई, ऐसी स्थिति में उनकी आय में इतने बड़े पैमाने पर वृद्धि चिंता का कारण है.”
बीजेपी का यह भी कहना है कि उनका आरोप केवल केजरीवाल की आय और संपत्ति पर नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां दिल्ली के राजनेताओं के बीच कैसे अपने पैर पसार रही हैं, जिनका पार्टी पर सीधा असर पड़ता है.
केजरीवाल की प्रतिक्रिया
दिल्ली में विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान में दोनों मुख्य पार्टियां आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज कर चुकी हैं. जहां भाजपा केजरीवाल पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इस बार भी भाजपा को दिल्ली के मुद्दों पर जवाबदेह ठहराने की रणनीति अपनाए हुए है.
अब देखने वाली बात यह होगी कि दिल्ली की जनता इन आरोपों पर कैसी प्रतिक्रिया देती है और आगामी चुनावों में इनका कितना प्रभाव पड़ता है. हालांकि चुनावी राजनीति में इस तरह के विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह सभी आरोप आगामी चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक बन सकते हैं.