नई दिल्ली, 16 जनवरी: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत को लेकर एक महत्वपूर्ण कानूनी अपडेट सामने आया है.
इस मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार या अस्वीकार करने के बारे में फैसला 15 अप्रैल को सुनाया जाएगा.
मामला स्थगित, फैसला 15 अप्रैल को
इस मामले में अदालत का निर्णय 15 अप्रैल को होगा. मामले को इस सप्ताह स्थगित कर दिया गया क्योंकि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोमती मनोचा छुट्टी पर थीं. अदालत का आदेश बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तय करेगा कि पुलिस की दायर की गई रिपोर्ट को स्वीकार किया जाएगा या फिर मामले की और जांच की जाएगी.
नाबालिग पहलवान का बयान
नाबालिग पहलवान ने 1 अगस्त, 2023 को कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बताया था कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं और वह मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट का विरोध नहीं कर रही हैं। इस रिपोर्ट में पुलिस ने मामले को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें सिंह के खिलाफ कोई पुष्ट सबूत न मिलने की बात कही गई थी।
सिंह पर अन्य आरोप भी हैं
इस मामले से जुड़ी दूसरी शिकायतों में, छह महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करने का सुझाव दिया था, लेकिन नाबालिग पहलवान की शिकायत को बिना कोई ठोस प्रमाण पाए रद्द करने की सिफारिश की गई.
बृजभूषण शरण सिंह ने इन सभी आरोपों से लगातार इनकार किया है और उनका कहना है कि यह पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत आरोप हैं.
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)