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2024 पर फोकस, इसलिए मुख्यमंत्री के चेहरों पर रुका फैसला! जानें देरी के कारण

तेलंगाना में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने सरकार भी बना ली है. जानकारों का मानना है कि पूर्व में कांग्रेस की यही नीति रहती थी कि चुनाव जीतने के बाद बैठकों का दौर चलता था. अब उसी पैटर्न पर भाजपा भी काम करती दिखाई दे रही है.

Naresh Chaudhary
Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • कांग्रेस की ओर से अपनाया जाता था चुनाव के बाद सीएम में देरी का पैटर्न
  • भाजपा बेहद सोची समझी रणनीति पर कर रही है काम, जल्द होगा सीएम का ऐलान

BJP Mission 2024: भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की है. इस जीत में भाजपा ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हाथों से सत्ता छीनी है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अभी तक तीनों राज्यों में सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार है. उधर, तेलंगाना में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने सरकार भी बना ली है. जानकारों का मानना है कि पूर्व में कांग्रेस की यही नीति रहती थी कि चुनाव जीतने के बाद बैठकों का दौर चलता था. अब उसी पैटर्न पर भाजपा भी काम करती दिखाई दे रही है. हालांकि सीएम फेस के नाम में देरी के पीछे का कारण 2024 का लोकसभा चुनाव भी है. तो जानते हैं कि आखिरकार देरी क्यों हो रही है?

क्या कांग्रेस के पैटर्न पर चल रही है भाजपा!

राजनीति के जानकारों ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा है कि सीएम फेस के नाम का ऐलान करने में देरी भाजपा की नीति या रणनीति में कभी नहीं रही है. पहले के चुनावों में भाजपा की ओर से सीएम फेस के नाम का ऐलान होता था. उसके बाद चुनाव लड़ा जाता था. हालांकि साल 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मोदी के चेहरे पर ही भाजपा ने ज्यादातर चुनाव लड़े हैं, जिनमें से अधिकतर चुनाव भाजपा के पक्ष में रहे हैं.

विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि कांग्रेस की ओर से पूर्व के चुनावों में इस तरह का पैटर्न अपनाया जाता था. सभी खेमों और गुटों के साथ बैठक के बाद सीएम फेस के नाम का ऐलान होता था. हालांकि ये भी माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से सीएम के नाम में देरी का मतलब कोई नया चेहरा भी हो सकता है.

भाजपा का 2024 के चुनाव पर है फोकस

अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव है. ऐसे में राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में हुआ चुनाव 2024 का सेमीफाइनल था. यानी सभी पार्टियों के लिए ये चुनाव बेहद खास था. इसी को देखते हुए भाजपा की ओर से फूंक-फूंककर चुनावी कदम रखे जा रहे हैं.

भाजपा का मानना है कि 2024 में लोगों का विश्वास जीतने और बनाए रखने के लिए उन्हें ऐसे चेहरों को सीएम बनाना है, जिनसे ज्यादा से ज्यादा फायदा हो. हालांकि मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान करीब 24 साल (बीच में 15 महीने कांग्रेस की सरकार) सीएम रहे हैं. उधर, राजस्थान में वसुंधरा राजे दो बार सीएम रही हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह भी सीएम के तौर पर राज्य में भाजपा का नेतृत्व कर चुके हैं. 

राजस्थान में सीएम की दौड़, ये चेहरे हैं आगे

राजस्थान में सीएम के नाम के लिए कई चेहरे लाइन में हैं. इनमें कुछ सबसे ऊपर हैं तो कुछ नीचे हैं. वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, अर्जुन राम मेवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और दीया कुमारी के नामों पर खासी चर्चा है. हालांकि ये चर्चाएं मीडिया और सोशल मीडिया पर हैं.

भाजपा या फिर पार्टी के किसी भी व्यक्ति विशेष की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी बाहर नहीं आई है. कुछ इसी तरह का हाल छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी है. जैसा कि जानकारों ने पूर्व में कहा था कि भाजपा में देरी का मतलब नया सीएम फेस भी हो सकता है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीनों राज्यों के लिए नौ पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जो जल्द ही सीएम फेस के नामों का ऐलान कर सकते हैं.