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BJP Candidate List 2024: राजस्थान की 15 सीटों पर BJP ने जिताऊ उम्मीदवार पर लगाया दांव, बेटिकट सांसदों की जगह ये नए चेहरे

BJP Candidate List 2024: राजस्थान की 15 सीटों पर BJP उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए है.BJ ने हमेशा तमाम विवादित चेहरों से दूरी बना कर नये चेहरों को मौका दिया है.

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Edited By: Manohar Lal Vishnoi
BJP

BJP Candidate List 2024: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की पहली लिस्ट में राजस्थान की 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए है. प्रदेश से चार केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को बीकानेर, भूपेंद्र यादव को अलवर, गजेन्द्र सिंह शेखावत को जोधपुर, कैलाश चौधरी को बाड़मेर जैसलमेर से चुनावी मैदान में उतारा गया है. वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह को उनके संसदीय सीट झालावाड़-बारां सीट से फिर टिकट दिया गया है. वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को कोटा संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. 

राजस्थान में एक रवायत रही है पार्टी ने हमेशा तमाम विवादित चेहरों से दूरी बना कर नये चेहरों को मौका दिया है. बीजेपी को इस रणनीति में काफी हद तक सफलता भी मिली है. भरतपुर से सांसद रंजिता कोली का टिकट काटकर रामस्वरूप कोली को टिकट दिया गया है. वहीं चूरू लोकसभा सीट से सांसद राहुल कस्वां की जगह देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया गया है, जो राजनीति में अपनी एंट्री कर रहे हैं, जबकि उदयपुर से मौजूदा सांसद अर्जुन मीणा का टिकट काटकर संघ परिष्ठभूमि के अधिकारी मन्ना लाल रावत पर भरोसा जताया गया है. जिताऊ उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस से आए दो नेताओं को भी टिकट दिया गया है. पहली लिस्ट में पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर फोकस किया गया है. 

पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को BJP ने दिया टिकट 

इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाले नामों में नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को बीजेपी ने नागौर से टिकट दिया है. इससे पहले नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने साल 2023 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होकर सियासी हलचल पैदा कर दी थी. पिछले लोकसभा चुनाव में नागौर से कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया था. लोकसभा चुनाव में नागौर, सीकर, झुंझुनू जिले की कई सीटों पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है. इस क्षेत्रों में ज्योति का बड़ा प्रभाव है. बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योति मिर्धा ने कहा था कि मुझे बस काम करने का मौका मिले यही उम्मीद है. नागौर में इनका 7 सीटों पर बड़ा असर माना जा रहा है क्योंकि ज्योति नाथू राम मिर्धा की पोती हैं. नाथूराम मिर्धा परिवार का जाट लैंड का बड़ा असर रहा है. ज्योति मिर्धा कांग्रेस के टिकट से नागौर से 2009 में लोकसभा सांसद भी रही हैं. 

2009 के बाद नहीं जीता लोकसभा चुनाव

ज्योति मिर्धा का जन्म 26 जुलाई 1972 को नई दिल्ली में हुआ था. उनके पिता का नाम राम प्रकाश मिर्धा और माता का नाम वीणा मिर्धा है. उनकी शादी नरेंद्र गहलोत से हुई है. कपल का एक बेटा है. ज्योति ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है. ज्योति साल 2009 में चुनाव जीतने के बाद से वह 2014 और 2019 और 2023 में विधानसभा चुनाव में हार रही हैं. 

राजेंद्र राठौड़ की हार का ठीकरा फूटा राहुल कस्वा पर

टिकट बंटवारे में बीजेपी का दूसरा चौंकाने वाला फैसला चूरु सीट से राहुल कस्वा का टिकट काटना रहा. शेखावाटी के बड़े राजनैतिक घराने और लगातार दो बार सांसद रहे राहुल कस्वां को इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट काटकर पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को चुनाव मैदान में उतारा है. झाझड़िया ने पहली बार राजनीति में कदम रखा हैं. अब तक वे सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर ही जाने जाते थे. राहुल कस्वां के टिकट कटने की चर्चाएं राजनैतिक गलियारों में काफ़ी दिनों से गूंज रही थी.

राहुल कस्वां पर राठौड़ गुट का गंभीर आरोप 

पिछले साल दिसंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तारानगर सीट से पार्टी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ को चुनाव मैदान में उतारा था. राठौड़ लगातार 7 बार चूरू से विधायक रहे हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें चूरू के बजाय तारानगर सीट से टिकट दिया था, लेकिन पूर्व में कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. वे 10,345 वोटों से हार गए थे. राठौड़ की हार के बाद ऐसी खबरें आई कि लोकसभा सांसद राहुल कस्वां ने राठौड़ का समर्थन नहीं किया. पार्टी के कई नेताओं ने कस्वां पर खुल्लम खुल्ला आरोप भी लगाया था. 

देवेंद्र झाझरिया दिव्यांग

राजस्थान के चुरू में रामसिंह झांझरिया और जानवी देवी के यहां 10 जून 1981 को देवेंद्र झाझरिया का जन्म हुआ था. जब वे 8 वर्ष थे तब पेड़ पर चढ़ने के दौरान उन्होंने बिजली के तार को छू लिया था, जिसके उनका एक हाथ कट गया था. 1995 में स्कूली प्रतियोगिता से उन्होंने भाला फेंकने की शुरूआत की. कॉलेज में पढ़ते वक्त बंगलौर में राष्ट्रीय खेलों में जैवलिन थ्रो और शॉट पुट में पदक जीतने के बाद तो देवेंद्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1999 में राष्ट्रीय स्तर पर जेवलिन थ्रो में सामान्य वर्ग के साथ कड़े मुकाबले के बावजूद स्वर्ण पदक जीतना देवेंद्र के लिए बड़ी उपलब्धि थी. इस तरह पैरा-गेम्स में भारत के दिग्गज एथलीटों में शामिल झाझरिया ने देश के लिए कई मेडल जीते हैं. उन्होंने सबसे पहले 2004 के एथेंस पैरालंपिक गेम्स में सफलता हासिल की थी, तब उन्होंने जैवलिन में वर्ल्ड रिकॉर्ड 62.15 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था. वो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे.

उदयपुर में संघ पृष्ठभूमि के मन्ना लाल को टिकट

उदयपुर से बीजेपी ने इस बार अर्जुन मीणा का टिकट काटकर संघ पृष्ठभूमि के मन्ना लाल रावत को दिया है. मन्नालाल रावत की उम्र 53 साल है और पिछले कई सालों से संघ से जुड़े हैं. ऐसे में उन्हें टिकट मिलने के पीछे संघ की रणनीति बताया जा रहा है. उन्हें संघ के कार्यक्रमों के दौरान बौद्धिक भाषण के लिए बुलाया जाता रहा है. वे लगातार आदिवासी इलाकों में धर्म परिवर्तन और BTP, BAP के कई मुद्दों मामलों पर सोशल मीडिया पर लोगों से भिड़ते नजर आते रहे हैं. आदिवासी युवाओं को संघ से जोड़ने के लिए कई स्कूलों में भी अपने तेजस्वी भाषणों के लिए उनको पहचाना जाता है. रावत 2 दिन पहले ही अक्षय कुमार को उदयपुर जिले के खेरवाड़ा में वनवासी कल्याण परिषद के द्वारा संचालित एक हॉस्टल में ले गए थे और वहां पर अक्षय कुमार ने एक करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की थी. 
फिलहाल मन्नालाल राजस्थान में परिवहन विभाग में एडिशनल कमिश्नर के पद कार्यरत हैं. वे लंबे समय तक उदयपुर में आरटीओ अधिकारी रह चुके हैं. इनके अलावा रामचंद्र खराडी, नरेंद्र मीणा और वंदना मीणा उदयपुर (एसटी) सीट से प्रमुख दावेदार थे. 

भरतपुर में रामस्वरूप कोली को दोबारा मिला टिकट

भरतपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद रंजीता कोली का टिकट काटकर रामस्वरुप कोली को उम्मीदवार बनाया है. रामस्वरूप कोली बीजेपी पार्टी से लंबे समय से जुड़े हैं. भरतपुर लोकसभा सीट से 2004 में भाजपा से सांसद रहे हैं. रामस्वरुप कोली बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ-साथ मानव संसाधन विकास समिति के सदस्य, मानव संसाधन विकास समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. रामस्वरुप कोली को भाजपा ने 2018 में वैर भुसावर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. भरतपुर की लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. भाजपा ने 2019 में रंजीता कोली को प्रत्याशी बनाया था और अच्छे मतों से विजय हासिल की थी. इस बार एक बार फिर रामस्वरूप कोली को मैदान में उतारा है. 

पिछले चुनाव में सभी 25 सीटें जीती थी बीजेपी

पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने राज्य सभी सभी 25 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसमें नागौर सीट हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था. इस बार भी बीजेपी अपने पुराने रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहती है. अभी बीजेपी राज्य की 10 सीटों पर मंथन कर रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही इन सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो जाएंगे.