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India Daily

'राज्यसभा के चलने या न चलने का क्या मतलब', बिहार SIR पर विपक्षी पार्टी के नेता का बड़ा बयान

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो गया है जो 21 अगस्त तक चलने वाला है. इस दौरान सदन की कार्यवाही 18 दिन चलना प्रस्तावित है. दो दिन सत्ता और विपक्ष के टकराव की वजह से बर्बाद हो चुके हैं.

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Courtesy: Social media

संसद का मानसून सत्र लगातार दूसरे दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों विपक्षी सदस्यों के हंमागे के बाद बुधवार तक के लिए स्थगित कर ली गई. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बीच राज्यसभा में भी बिहार में एसआईआर ड्राइव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव देखने को मिला. 

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने इस पर उच्च सदन में चर्चा की मांग की.  बिहार वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर ससंद के बाहर समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सदस्य ने बड़ा बयान दिया.

उन्होंने चुनाव आयोग और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में अगर वोट काटने और मनमाने ढंग से वोट जोड़ने की साजिश हो रही है, तो राज्यसभा के चलने या न चलने का क्या मतलब है? उन्होंने ये टिप्पणी एसआईआर को लेकर करी. 

 

किन सांसदों ने 267 के तहत दिया नोटिस?

विपक्ष की तरफ से आप सांसद संजय सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई सांसदों ने बिहार में एसआईआर को लेकर नियम 267 के तहत नोटिस दिया और सदन में चर्चा की मांग की. लेकिन मांग ने माने जाने पर संसद के अंदर काफी हंगामा हुआ. सदन के बाहर भी इस मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने  बड़ा प्रदर्शन किया. इसमें विपक्षी पार्टी की तरफ से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत सांसद मौजूद रहे.

बुधवार को सदन रहेगा हंगामेदार!

बुधवार को भी इस मुद्दे पर संसद के हंगामेदार होने की पूरी उम्मीद है. विपक्षी पार्टियों की तरफ से हंगामे की वजह से पहले कार्यवाही 12 बजे फिर 2 बजे और इसके बाद बुधवार सुबह तक स्थगित कर दी गई. संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलने वाला है. इस दौरान सदन की कार्यवाही 18 दिन चलना प्रस्तावित है.