सतारा: सतारा जिले के फलटण क्षेत्र में सरकारी अस्पताल में तैनात एक 29 वर्षीय महिला डॉक्टर की मौत के बाद पूरे महाराष्ट्र में सनसनी फैल गई है. डॉक्टर का शव गुरुवार रात एक होटल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका मिला. पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन डॉक्टर की हथेली पर लिखे शब्दों ने जांच को नया मोड़ दे दिया. इसमें एक पुलिस अधिकारी और प्रशांत बांकर का नाम लिखा था.
पुलिस ने शुक्रवार रात प्रशांत बांकर को पुणे के पास उसके एक दोस्त के फार्महाउस से गिरफ्तार किया. जांच में सामने आया कि बांकर, डॉक्टर के मकान मालिक का बेटा है और दोनों के बीच करीब पांच महीने से संबंध थे. लेकिन कुछ समय से दोनों के बीच तनाव चल रहा था, जिससे डॉक्टर मानसिक रूप से परेशान थी. पुलिस के मुताबिक, बांकर ने उसे कई बार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था.
पुलिस के अनुसार, डॉक्टर ने आत्महत्या से पहले अपनी हथेली पर मराठी में एक संदेश लिखा था. इसमें फलटण सिटी थाने के सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने पर चार बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है. वहीं, प्रशांत बांकर पर पांच महीने से प्रताड़ना का आरोप था. यह नोट अब पुलिस के लिए सबसे अहम सबूत बन गया है, जिसके आधार पर केस की दिशा तय होगी.
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आत्महत्या से पहले 23 अक्टूबर को डॉक्टर और प्रशांत बांकर के बीच कई फोन कॉल और चैट हुए थे. पुलिस ने दोनों के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस जब्त कर लिए हैं. अधिकारियों का मानना है कि फोन रिकॉर्ड और मैसेज से घटना के पीछे की असली वजह सामने आ सकती है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'बांकर की गिरफ्तारी के बाद अब कुछ अहम साक्ष्य मिलने की उम्मीद है.'
डॉक्टर के परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय सांसद ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है. परिवार का कहना है कि सांसद ने एक बीच के व्यक्ति के जरिए पुलिस पर दबाव डलवाने का प्रयास किया. हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों की पुष्टि नहीं की है और कहा है कि जांच निष्पक्ष रूप से जारी रहेगी.
फलटण पुलिस के अनुसार, प्रशांत बांकर से लगातार पूछताछ की जा रही है. पुलिस अब सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने से भी पूछताछ करने की तैयारी में है. अधिकारियों का कहना है कि केस से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. पुलिस इस पूरे मामले को संवेदनशील मानते हुए हर कोण से जांच कर रही है ताकि डॉक्टर को न्याय मिल सके.