हर मोहल्ले तक पहुंचे भगवत गीता, तभी मजबूत होगा हिंदू राष्ट्र का विचार: नितेश राणे
महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा है कि भगवद गीता की शिक्षाएं अगर मोहल्लों (मुस्लिम इलाके) तक पहुंचें, तो विचारों में बदलाव आएगा और इससे हिंदू राष्ट्र की धारणा मजबूत होगी. साथ ही, उन्होंने स्कूलों में हिंदी भाषा के मुद्दे पर भी बयान दिया और मराठी भाषा के सम्मान की वकालत की.

पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री नितेश राणे ने भगवद गीता की शिक्षाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने की बात कही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि गीता न तो नफरत फैलाती है और न ही धर्म परिवर्तन की शिक्षा देती है. राणे ने यह भी स्पष्ट किया कि स्कूल पाठ्यक्रम में हिंदी अनिवार्य नहीं बनाई जा रही है.
गीता की शिक्षा से होगा बदलाव
नितेश राणे ने कहा कि भगवद गीता की शिक्षाएं विचारों में बदलाव लाने और सौहार्द स्थापित करने में सक्षम हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यदि गीता की बातें मोहल्लों (मुस्लिम एरिया) में फैलती हैं, तो उनके विचारों में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और यह हिंदू राष्ट्र की भावना को मजबूत करेगा. उनका मानना है कि गीता की शिक्षा नफरत नहीं फैलाती बल्कि मानवता का संदेश देती है.
हिंदी को लेकर विपक्ष का विरोध
गौरतलब है कि राज्य में स्कूलों में हिंदी भाषा को शामिल करने के मुद्दे पर विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने 5 जुलाई को संयुक्त मार्च निकालने की घोषणा की है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राणे ने कहा कि कोई भी भाषा अनिवार्य नहीं की जा रही है और विद्यार्थी अपनी इच्छानुसार संस्कृत को तीसरी भाषा के रूप में चुन सकते हैं.
'जावेद अख्तर और आमिर खान क्यों नहीं बोलते मराठी'
राणे ने बॉलीवुड हस्तियों और कांग्रेस नेताओं पर व्यंग्य करते हुए कहा कि उन्होंने कभी जावेद अख्तर, आमिर खान या राहुल गांधी को मराठी बोलते नहीं सुना. उन्होंने यह भी पूछा कि जो लोग मुंबई में वर्षों से रह रहे हैं लेकिन मराठी नहीं बोलते, उन्हें यह भाषा सिखाने का प्रयास क्यों नहीं किया जाता. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल में पढ़े हैं तो संस्कृत क्यों नहीं चुनी, स्पेनिश या फ्रेंच क्यों?
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