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58,000 करोड़ का बैंक डिफॉल्ट, कौन-कौन सबसे बड़े भगोड़े? सरकार ने सदन में दी जानकारी

सरकार ने संसद में खुलासा किया कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर भारतीय बैंकों का कुल 58,000 करोड़ रुपये बकाया है. इनमें माल्या, नीरव मोदी और संदेसरा परिवार जैसे हाई-प्रोफाइल डिफॉल्टर शामिल हैं. अब तक संपत्ति ज़ब्ती और लिक्विडेशन से 19,187 करोड़ रुपये की वसूली हुई है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
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Courtesy: Social Media

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में एक चौंकाने वाली वाली जानकारी साझा की. सरकार ने बताया कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर भारतीय बैंकों का कुल 58,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. यह आंकड़ा मूलधन के साथ-साथ उससे जुड़े ब्याज दोनों को सम्मिलित करता है.

53 मामलों में सबसे ज्यादा बकाया, हाई-प्रोफाइल नाम शामिल

सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में कुल 53 भगोड़े आर्थिक अपराध मामलों को चिन्हित किया गया है. ये वे मामले हैं जिनमें आरोपी भारत की बैंकिंग प्रणाली को करोड़ों में चूना लगाकर विदेश फरार हो गए. इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, संदेसरा परिवार जैसे कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं. ये सभी नाम लंबे समय से भारतीय एजेंसियों की जांच और प्रत्यर्पण प्रक्रियाओं में शामिल रहे हैं.

बैंकों की अब तक की रिकवरी कितनी?

सरकार ने बताया कि बैंकिंग संस्थानों ने अब तक संपत्ति जब्ती और लिक्विडेशन की कार्रवाई के जरिए 19,187 करोड़ रुपये की वसूली की है. ये वसूली विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संपत्तियों की बिक्री के बाद हुई है.

विजय माल्या पर सबसे बड़ी देनदारी

संसद में प्रस्तुत आंकड़ों ने यह भी स्पष्ट किया कि अकेले विजय माल्या पर ही 22,065 करोड़ रुपये का बकाया है. इनमें से बैंकों ने माल्या की जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी की है.

नीरव मोदी और अन्य भगोड़ों पर भारी रकम बकाया

नीरव मोदी पर कुल 9,656 करोड़ रुपये का बकाया दर्ज किया गया है. अन्य भगोड़े आरोपी मिलकर कुल देनदारी को 58,000 करोड़ रुपये से अधिक तक ले जाते हैं. सरकार के अनुसार, नीरव मोदी व उससे जुड़े मामलों में बैंकों ने अब तक 545 करोड़ रुपये वसूल किए हैं.

दो भगोड़े आरोपियों ने की सेटलमेंट प्रक्रिया; संदेसरा बंधुओं का समझौता

सरकार ने बताया कि लेनदारों के साथ दो भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने सेटलमेंट की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. खास तौर पर, नितिन संदेसरा और चेतन संदेसरा ने इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के साथ अपने लोन संबंधी विवाद निपटा लिए हैं. कुल 496 करोड़ रुपये के सेटलमेंट की पुष्टि की गई है.

FEOA और PMLA के तहत सख्त कार्रवाई जारी

केंद्र ने कहा कि फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट (FEOA) और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत संपत्तियों को सुरक्षित करने, प्रत्यर्पण को तेज करने और अधिकतम रिकवरी सुनिश्चित करने के प्रयास लगातार जारी हैं.