लखीमपुर: असम के लखीमपुर जिले में पुलिस पर हमले और आतंकी समर्थक कंटेंट पोस्ट करने के आरोपी को जबरन छुड़ाने का गंभीर मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में बांग्लादेशी मूल के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित था और इसका मकसद आरोपी को पुलिस हिरासत से छुड़ाना था.
यह घटना 27 दिसंबर को लखीमपुर जिले के बोंगालमोरा इलाके में हुई. पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि बहारुल इस्लाम नाम का आरोपी सोनापुर इलाके में छिपा हुआ है. बहारुल इस्लाम पर पहलगाम आतंकी हमले के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करने का आरोप है. बताया गया है कि उसने फर्जी अकाउंट के जरिए आतंकी हमले की तारीफ करते हुए पोस्ट साझा की थीं. वह लंबे समय से फरार चल रहा था.
#WATCH | Lakhimpur, Assam: The police have arrested 10 individuals involved in a violent attack in Bongalmara.
— ANI (@ANI) December 29, 2025
Lakhimpur SP Gunendra Deka says, "On 22 April, there was an incident in Pahalgam in which 26 innocent people lost their lives. Some terrorists from Pakistan were… pic.twitter.com/TNMiKKOqeM
खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने सोनापुर इलाके में छापेमारी कर बहारुल इस्लाम को हिरासत में लिया. जब पुलिस उसे वाहन से लेकर जाने लगी, तभी 10 से अधिक लोगों की एक भीड़ अचानक वहां पहुंच गई. लाठी डंडों से लैस इस भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया और मारपीट करते हुए आरोपी को जबरन छुड़ा लिया.
रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर के एसएसपी गुनेन्द्र डेका ने बताया कि आतंकी हमले के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उसका समर्थन किया था. बहारुल इस्लाम भी उनमें शामिल था. उन्होंने कहा कि आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद अताबुर रहमान के नेतृत्व में एक समूह ने पुलिस टीम पर हमला किया और उसे छुड़ा लिया. एसएसपी के अनुसार यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था.
इस हमले में सब इंस्पेक्टर गोकुल जॉयश्री और पुलिस वाहन चालक को गंभीर चोटें आई हैं. जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
गिरफ्तार हुए आरोपियों की पहचान इकरामुल हुसैन, अफाजुद्दीन, नूर हुसैन, गुलजार हुसैन, फखरुद्दीन अहमद, नजरुल हक, काजिमुद्दीन, एमडी अब्दुल हमीद, बिलाल हुसैन और अताबुर रहमान के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार इनमें से कई आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद है.
पुलिस ने यह भी बताया कि बहारुल इस्लाम पहले फर्जी सोने के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. भीड़ द्वारा छुड़ाए जाने के बाद वह फिर से अंडरग्राउंड हो गया है. एसएसपी डेका ने कहा कि आरोपी को जल्द ही दोबारा गिरफ्तार किया जाएगा और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.