Ayodhya Ke Ram: धर्म नगरी अयोध्या (Ayodhya) प्रभु श्रीराम के आगमन के लिए पूरी तरह से तैयार है. देश ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वालों को इंतजार है तो बस रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का. भक्त अपने भगवान की एक झलक पाने को आतुर हैं. इस अलौकिक और आध्यात्मिक वातावरण के बीच बस राम नाम की गूंज ही सुनाई दे रही है. ये अनुभव श्रद्धा और प्रेम का एकाकार है. भक्ति भरे इस माहौल में हम आपको एक ऐसे खास के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रभु श्रीराम को केवल देव नहीं, बल्कि प्रेमी की तरह पूजता है. इस समुदाय के पुरुष प्रभु श्रीराम की प्रेमिका मानते हैं.
सिर पर पल्लू. हाथों में थाल और मुंह में राम का नाम. दुनिया के समक्ष स्वयं को भगवान राम की प्रेमिका बताने वाले इस खास समुदाय के पुरुषों की यही पहचान है. श्रीराम से प्रेम करने वाले इस प्रेमी संप्रदाय को 'राम रसिक' नाम से जाना जाता है, जो अयोध्या स्थित कनक भवन में अवध बिहारी की आराधना करते हैं.
राम रसिक समुदाय के लोगों ने भगवान से अपना विशेष और बेहद खूबसूरत रिश्ता जोड़ रखा है, वो राम को प्रेम और सौंदर्य के प्रतीक के तौर पर देखते हैं. इस समुदाय के लोगों की आराधना करने का तरीका भी बेहद भिन्न है. यहां पुरुष स्त्री भाव से भगवान की उपासना करते हैं. वो प्रभु राम को अपना जीजा और स्वयं को उनकी साली मानते हैं. जब कभी इस समुदाय के पुरुष भगवान की आरती में लीन रहते हैं, तो वे अपने सिर पर बिल्कुल स्त्री की तरह पल्लू डालते हैं.
राम रसिक सिर्फ राम की भक्ति नहीं करते हैं, बल्कि राम से भक्ति में रचा-बसा प्रेम करते हैं. ऐसे में प्रभु को पूजने और उनसे इस कदर प्रेम करने की ये स्थिति बेहद अलौकिक है. इसमें स्त्री-पुरुष का भेद नहीं, बल्कि सारे बाहरी भेद मिटाकर आत्मा और परमात्मा की मौजूदगी में सिर्फ और सिर्फ प्रेम का भाव है.