Ayodhya Ke Ram: अयोध्या में रामलला को उनके मंदिर में स्थापित किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. भव्य और दिव्य राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा तो 22 जनवरी को होगी, लेकिन रामलला 18 जनवरी को गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि यज्ञ, हवन सहित अनुष्ठान की सभी प्रक्रिया मंदिर परिसर के भीतर ही पूरी की जाएंगी, इसके लिए यज्ञशाला भी बनाई गई है, जिसमें कुल 9 कुंड हैं.
बता दें कि 16 जनवरी को प्रायश्चित कर्म एवं कुटी पूजन के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ था. 17 जनवरी को प्रतिमा का परिसर में प्रवेश होगा और भ्रमण करवाया जाएगा. प्रतिमा 12 अधिवास (निवास) से गुजरेगी, इसमें जल, गंध, औषधि, केसर, घृत, धान्य, शर्करा, फल, पुष्प, मध्य, सायंकाल एवं शय्याधिवास शामिल है. हालांकि, सामान्यत: प्राण प्रतिष्ठा में 7 अधिवास ही होते हैं, लेकिन यहां पूरी परंपरा का पालन किया जाएगा.
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में पीएम नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास मौजूद रहेंगे. पीएम के उद्बोधन के बाद सभी अथिति रामलला का दर्शन करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा में 50 देशों के 53 प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे.
रामलला की जिस प्रतिमा का पिछले सात दशकों से पूजन हो रहा है, उसे भी मुख्य मंदिर के गर्भगृह में ही स्थापित की जाएगा और रोजाना पूजन होगा. 16 से 21 जनवरी के बीच अधिकतम अनुष्ठान पूरे हो जाएंगे, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े न्यूनतम अनुष्ठान होंगे. 23 जनवरी से आम लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे. 26 जनवरी से संघ, विहिप के तय कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न राज्यों से लाए गए श्रद्धालु भी दर्शन करेंगे, ये कार्यक्रम 24 फरवरी तक चलेगा. विदेश से भी श्रद्धालुओं के समूह भी दर्शन के लिए आ रहे हैं.
- 10:30 AM तक अतिथियों को अपनी जगह लेनी होगी
- 12:20 से 1 PM तक चलेगी प्राण प्रतिष्ठा की पूजा
- 1 से 2:15 PM तक मोदी, योगी, भागवत और महंत नृत्यगोपाल दास का संबोधन
- 2.30 PM से सभी 8000 आमंत्रित अतिथि करेंगे दर्शन