नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सोमवार को असम में करोड़ों रुपये की अवैध दवाएं नष्ट कर दी गईं। नागांव, करीमगंज, करबियांगलोंग, धुबरी और गोलाघाट जिलों में पुलिस प्रशासन की टीम ने मारिजुआना, मादक कफ सिरप, हेरोइन और नशीली गोलियों को जला दिया।
धुबरी एसबी नवीन सिंह ने बताया, "ड्रग्स को ना कहें' सबको मानना चाहिए और इसे कभी भी छुआ नहीं जाना चाहिए। नशीली दवाओं के प्रति जागरूकता होनी चाहिए जो हम स्कूलों और कॉलेजों के माध्यम से कर रहे हैं और हम दवाओं के खिलाफ बहुत कड़ा रुख अपनाते हैं ताकि यह खतरा समाज से दूर हो जाए।" जब्त की गई दवाओं का मूल्य 2006 और 2013 के बीच 768 करोड़ रुपये से 30 गुना बढ़कर 2014 और 2022 के बीच 22,000 करोड़ रुपये हो गया है। नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में भी 181 फीसदी की बढोतरी हुई है।
एसपी गोलाघाट पुष्किन जैन ने कहा, "हमें नशीली दवाओं की समस्या को सुरक्षा खतरे के रूप में लेने की जरूरत है। हमें यह समझने की जरूरत है कि ड्रग्स के कारोबार में शामिल लोग राष्ट्रविरोधी और अपराधी हैं। नशे का आदी व्यक्ति नशीली दवाओं की खरीद पर जो भी पैसा खर्च करता है वह अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी के वित्तपोषण के लिए जाता है और अवैध गतिविधियों में उपयोग किया जाता है।" असम पुलिस ने नशीली दवाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया और हजारों करोड़ की ड्रग्स को आग के हवाले कर दिया।