Afghanistan–India Relations: भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते नई इबारत लिखने को तैयार हैं. भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दोबारा दूतावास खोलने की घोषणा की है, जिसे भारत के महत्वपूर्ण कूटनीतिक दांव की तरह देखा जा रहा है. भारत की तरफ से ये घोषणा तब की गई है, जब अफगानिस्तान में तालिबान शासन के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं.
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान शासन के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इन दिनों भारत दौरे पर हैं. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आमिर खान मुत्ताकी के साथ द्विपक्षीय बैठक. दोनों देशों के बीच 2021 के बाद से ये पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी. वही इस द्विपक्षीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दोबारा दूतावास खोलने की घोषणा की. विदेश मंत्री की ये घोषणा भारत के महत्वपूर्ण कूटनीतिक दांव की तरह देखा जा रहा है, जिससे पाकिस्तान को एक और बड़ा संदेश दिया गया है.
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में अफ़ग़ान तालिबान सरकार द्वारा देश पर कब्ज़ा करने के बाद से, रूस एकमात्र ऐसा देश है जिसने आधिकारिक तौर पर उसे मान्यता दी है. भारत दौरे पर पहुंचे अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष के साथ बैठक में दोनों देशों के बीच गहन सहयोग, आपसी सम्मान और स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया. तालिबान पक्ष ने आश्वासन दिया कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के ख़िलाफ़ नहीं किया जाएगा. दोनों देशों के बीच अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सकारात्मक बातचीत हुई है, जिससे आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और अधिक प्रगाढ़ होने की प्रबल संभावना है.
आपको बता दें कि हल के दिनों में जिस तरह से पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते खासा तनावपूर्ण रहे हैं. ऐसे में अफगानिस्तान में तालिबान शासन के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है. चूंकि अफगानिस्तान, पाकिस्तान का पड़ोसी राष्ट्र है और हाल के दिनों में तालिबान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते जिस तरह से तल्ख रहे हैं, ऐसे में भारत के साथ तालिबान की बढ़ती नजदीकी से जरूर पाकिस्तान को बौखलाहट होगी.