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India Daily

Asia Cup 2025: 'पहले मेरा भाई लौटाओ फिर...', IND vs PAK मैच पर पहलगाम पीड़ितों का फूटा गुस्सा, ऑपरेशन सिंदूर को बताया व्यर्थ

Pahalgam Attack: पाहलगाम आतंकी हमले में अपनों को खो चुके परिवारों ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2025 मैच का विरोध किया है. पीड़ित सावन परमार ने कहा, 'अगर मैच खेलना है, तो पहले मेरा भाई लौटाओ।' उनका कहना है कि सरकार और क्रिकेट बोर्ड हमारे दर्द को अनदेखा कर रहे हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Asia Cup 2025 IND vs PAK
Courtesy: Social Media

Asia Cup 2025 IND vs PAK: जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से दुखी परिवारों ने भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 मैच का जोरदार विरोध किया है. शनिवार को पीड़ित परिवारों ने कहा कि जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली, तब पाकिस्तान से किसी भी तरह के रिश्ते या खेल को मंजूरी देना एक धोखा है. 

इस हमले में अपने पिता और छोटे भाई को खो चुके सावन परमार ने कहा, 'अगर मैच खेलना ही है, तो पहले मेरा 16 साल का भाई लौटा दो, जिसे गोलियों से भून दिया गया था.' उन्होंने कहा कि जब से इंडिया-पाक मैच की खबर आई है, उनका दिल टूट गया है. उन्हें लगता है कि सरकार और क्रिकेट बोर्ड इस दर्द को नजरअंदाज कर रहे हैं. 

अइशान्या द्विवेदी ने जताई नाराजगी

पाहलगाम हमले की एक और पीड़िता, अइशान्या द्विवेदी जिन्होंने हमले में अपने नवविवाहित पति को खो दिया, उन्होंने भी मैच के आयोजन पर नाराजगी जताई. उनका कहना है, 'बीसीसीआई गनपॉइंट पर देश से यह मैच नहीं करवा सकता. कुछ खिलाड़ियों ने विरोध जताया, लेकिन बाकी चुप रहे, जो बेहद दुखद है.' 

क्या था पाहलगाम हमला?

22 अप्रैल को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हमला कर 25 भारतीय और 1 नेपाली पर्यटक की हत्या कर दी थी. हमलावरों ने पीड़ितों की पहचान हिंदू के रूप में की और उन्हें चुन-चुनकर निशाना बनाया. हमले के दौरान आतंकियों ने कहा , 'जा के मोदी को बोल देन' जिससे साफ था कि ये हमला भारत के खिलाफ एक संदेश था. 

हमले के बाद सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया और PoJK में स्थित आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की. लेकिन अब पीड़ित परिवारों का कहना है कि जब पाकिस्तान से क्रिकेट खेला जा रहा है, तो यह ऑपरेशन अधूरा और बेअसर लगता है. पीड़ितों ने प्रधानमंत्री मोदी और बीसीसीआई से मांग की है कि जब तक पाकिस्तान आतंक का समर्थन करता है , तब तक उससे कोई भी खेल या संबंध न रखा जाए.