अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के. टी. परनाइक (सेवानिवृत्त) ने शुक्रवार (13 जून) को सैनिकों से क्षेत्र की संवेदनशील सीमा गतिशीलता को देखते हुए रणनीतिक सतर्कता और सामुदायिक जुड़ाव बढ़ाने का आह्वान किया. असम के तेजपुर में IV कोर के सैनिकों को संबोधित करते हुए, परनाइक ने अपने व्यापक परिचालन अनुभव को साझा किया और उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सैनिकों को सतर्क, दृढ़ और दूरदर्शी बने रहने के लिए प्रेरित किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दिवसीय दौरे पर क्षेत्र के सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा कर रहे परनाइक, जो पहले उत्तरी सेना के कमांडर और IV कोर के प्रमुख रह चुके हैं, उन्होंने रंगिया, मिसामारी, ठाकुबारी और तेजपुर के प्रमुख सैन्य स्टेशनों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों, जवानों और स्थानीय सैन्य नेतृत्व के साथ सार्थक बातचीत की. उनके दौरे का समापन शुक्रवार को 4 कोर युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण समारोह के साथ हुआ, जैसा कि राज भवन के एक बयान में बताया गया.
आधुनिक युद्ध के लिए नवाचार
परनाइक ने शत्रुतापूर्ण खतरों का मुकाबला करने के लिए नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने सैनिकों से पारंपरिक सिद्धांतों से परे सोचने और आधुनिक युद्ध परिदृश्यों के अनुकूल रचनात्मक रूप से ढलने का आग्रह किया. उन्होंने अग्रिम क्षेत्रों में धारणा प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा, “उच्च दबाव वाले माहौल में शांत और स्पष्ट संचार जरूरी है.”
सीमा प्रबंधन और सामुदायिक सहयोग
सीमा प्रबंधन की जमीनी हकीकत पर प्रकाश डालते हुए, परनाइक ने सैनिकों को सामरिक कौशल को निखारने, परिचालन अनुशासन बनाए रखने और भारतीय सेना की सेवा व सम्मान की भावना को कायम रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “दुश्मनों से एक कदम आगे रहना केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि आवश्यकता है.”
राज्यपाल ने दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के रणनीतिक महत्व पर बल दिया. उन्होंने कहा, “इन क्षेत्रों के लोग हमारी अतिरिक्त आंखें और कान हैं. आपसी विश्वास और सहयोग का रिश्ता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.”
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और सैन्य पहल
परनाइक ने सैनिकों से सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय आबादी के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की सफलता के लिए नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “जब विकास हमारे सीमावर्ती समुदायों के दरवाजे तक पहुंचता है, तो यह हमारी राष्ट्रीय सीमाओं को मजबूत करता है.”
सेना की सद्भावना पहल की सराहना करते हुए, उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने सैनिकों से स्थानीय युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने को कहा है.