भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंत्रालय ने घोषणा की है कि जनवरी 2026 से निर्मित सभी नए टू-व्हीलर, चाहे उनकी इंजन क्षमता कुछ भी हो, में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा.
ABS और हेलमेट की अनिवार्यता
मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा, “1 जनवरी 2026 से निर्मित L2 श्रेणी के सभी मॉडल के वाहनों में IS14664:2010 मानकों के अनुरूप एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम लगाया जाएगा.” इसके साथ ही, टू-व्हीलर खरीदते समय निर्माता को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मानकों के अनुरूप दो सुरक्षात्मक हेलमेट प्रदान करने होंगे. यह कदम राइडर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है.
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम क्या है?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक ऐसी तकनीक है जो अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों के लॉक होने को रोकती है. इससे वाहन के फिसलने और दुर्घटना की संभावना कम होती है. ABS राइडर को बेहतर नियंत्रण प्रदान करता है, खासकर आपातकालीन स्थिति में, जिससे सड़क पर सुरक्षा बढ़ती है.
सड़क दुर्घटनाओं में टू-व्हीलर की हिस्सेदारी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत में हुई 1,51,997 सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 20% में टू-व्हीलर शामिल थे. यह आंकड़ा टू-व्हीलर राइडर्स के लिए सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है. ABS और हेलमेट की अनिवार्यता जैसे कदम इन दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
सुरक्षा की दिशा में कदम
परिवहन मंत्रालय का यह निर्णय सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ABS और BIS-प्रमाणित हेलमेट की अनिवार्यता न केवल राइडर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में भी मदद करेगी. यह कदम भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाएगा.