नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की. इसमें मांग की गई कि अगर शरद पवार खेमा अजित पवार की पार्टी को 'असली' के रूप में मान्यता देने वाले भारत के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने के लिए उसके समक्ष आगे बढ़ता है तो हमें भी सुना जाए. शरद पवार गुट के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि वह एनसीपी का नाम और अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव चिह्न देने के ईसीएल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
मंगलवार को चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है, जिससे पार्टी संस्थापक और अजित के चाचा शरद पवार को बड़ा झटका लगा था. चुनाव आयोग ने कहा था कि यह निर्णय ऐसी याचिका के रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों के बाद लिया गया है, जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों की जांच, पार्टी संविधान की जांच, संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत की जांच शामिल थी.
पिछले साल 2 जुलाई को अजित पवार ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) छोड़ दिया और पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए खेमे में शामिल हो गए. अजित पवार अपने साथ शरद पवार गुट से आठ विधायकों को अपने साथ ले गए.
इससे पहले साल 2019 में अजित पवार ने भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस से हाथ मिलाया था और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. पार्टी से उनका विद्रोह उस समय तीन दिनों से ज्यादा नहीं टिक सका था. अजित पवार राकांपा में लौट आए थे. फिलहाल फड़णवीस महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम भी हैं.