Air India Plane Crash: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हादसे में 242 यात्रियों में से केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, जीवित बचे. उनकी जान बचने का कारण थी उनकी सीट—11A. यह वही सीट है, जिसे यात्री अक्सर नापसंद करते हैं. लेकिन इस बार, यह सीट चमत्कार बन गई.
सीट 11A को विमान यात्री सबसे कम पसंद करते हैं. फ्लाइट अटेंडेंट्स के अनुसार, यह सीट विमान के बीच में होती है, जिसके कारण उतरने में देरी होती है. यह एक खिड़की वाली सीट है, लेकिन इसमें खिड़की छोटी होती है या कई बार होती ही नहीं. फ्लाइट रडार 24 के विशेषज्ञों का कहना है कि बोइंग 737 जैसे विमानों में एयर-कंडीशनिंग सिस्टम के डक्ट के कारण 11A में खिड़की नहीं होती. यात्रियों को खिड़की के बजाय दीवार दिखती है, जो निराशाजनक होता है. इसके अलावा, यह सीट विंग के पास होती है, जहां इंजन का शोर और कम लेग स्पेस असुविधा बढ़ाता है.
विश्वास कुमार रमेश, एक ब्रिटिश नागरिक, अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ भारत परिवार से मिलने आए थे. वे एयर इंडिया की उड़ान AI171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) में सीट 11A पर बैठे थे. मीडिया से बातचीत में विश्वास ने बताया, 'टेकऑफ के 30 सेकंड बाद जोरदार धमाका हुआ. मैं उठा तो चारों ओर शव थे. मैं डर गया और भागा. किसी ने मुझे पकड़कर एम्बुलेंस में डाला.' उनकी सीट आपातकालीन निकास (emergency exit) के पास थी, जिसने उन्हें जल्दी बाहर निकलने में मदद की.
एयर इंडिया की उड़ान AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर थे. इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे. विमान ने दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरी और 600-800 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर मेघानीनगर में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में क्रैश हो गया. ईंधन टंकी पूरी तरह भरी होने के कारण आग लग गई, जिससे 241 लोगों की मौत हो गई.
हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) के अनुसार, पायलट ने उड़ान के तुरंत बाद 1:39 बजे 'मेडे' कॉल किया, जो आपातकाल का संकेत था. विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन की खराबी या पक्षी से टकराव हादसे का कारण हो सकता है. वीडियो फुटेज में दिखा कि विमान का लैंडिंग गियर बाहर था, जो असामान्य है. यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की पहली घातक दुर्घटना है.