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India Daily

Ahmedabad Air India Crash: उड़ान भरते ही पायलट के आखिरी शब्द, 'थ्रस्ट नहीं मिला, गिर रहे हैं, मेडे'

Ahmedabad Air India Crash: लंदन-अहमदाबाद फ्लाइट के पायलट ने क्रैश से पहले एटीसी को 'मेडे' और 'थ्रस्ट नॉट अचीव्ड' जैसे मैसेज भेजे. उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही विमान मेडिकल हॉस्टल से टकराकर क्रैश हो गया, जिसमें 270 लोगों की मौत हुई.

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Edited By: Anvi Shukla
Ahmedabad Air India Crash
Courtesy: social media

Ahmedabad Air India Crash: गुरुवार दोपहर 1:37 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 कुछ ही मिनटों में एक भयानक हादसे का शिकार हो गई. विमान ने अभी उड़ान भरी ही थी कि अचानक यह हादसा हो गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. यह हादसा बेहद दर्दनाक था. विमान के पायलट ने टेक-ऑफ के तुरंत बाद अहमदाबाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को कई आपात संदेश भेजे थे.

सूत्रों के अनुसार, पायलट ने कहा, 'Thrust not achieved', 'falling', 'communication line during this transmission very weak', 'Mayday'. ये संदेश उस गंभीर तकनीकी समस्या की ओर इशारा करते हैं जो विमान के उड़ान भरते ही सामने आई.

मेडिकल हॉस्टल पर गिरा विमान

पायलट द्वारा ‘मेडे’ सिग्नल भेजे जाने के कुछ ही क्षणों बाद विमान एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया. इस हादसे में अब तक कम से कम 270 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें 230 यात्री, दो पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे. मात्र एक ब्रिटिश नागरिक, जो भारतीय मूल का है, इस हादसे में बच पाया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पहली बार इतनी बड़ी दुर्घटना

यह विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था और इसकी 2011 में व्यावसायिक शुरुआत के बाद यह पहली घातक दुर्घटना मानी जा रही है. यह हादसा भारतीय एविएशन के लिए एक बड़ा झटका है.  हादसे के 28 घंटे बाद, विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शुक्रवार को बताया कि ब्लैक बॉक्स का डेटा डिकोड किया जा रहा है और इसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनकी गहराई से जांच होगी.

सभी बोइंग 787 विमानों की जांच के आदेश

हादसे के बाद नागरिक एविएशन मंत्रालय ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787-8/9 विमानों की जांच के आदेश दिए हैं. DGCA ने फ्यूल, इंजन और हाइड्रोलिक सिस्टम की उन्नत जांच के निर्देश दिए हैं और संबंधित रिपोर्टें भी मांगी गई हैं. राम मोहन नायडू ने बताया कि कई एजेंसियां और उच्च स्तरीय कमेटियां इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर किस वजह से इतनी बड़ी त्रासदी हुई.