Asaduddin Owaisi: आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. उन्होंने कांवड यात्रा को लेकर पुलिस द्वारा अपनाए जा रहे रवैये की निंदा की. मुजफ्फरनगर में यूपी पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर सड़क किनारे ठेले समेत खाने-पीने की दुकानों से मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो छुआछूत की बात करता है. इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार छुआछूत को बढ़ावा देने वाला काम कर रही है.
#WATCH | On UP police in Muzaffarnagar asking eateries, including roadside carts, on the Kanwar Yatra route to display the names of owners, AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "We condemn it because it is a violation of Article 17 of the Constitution, which talks about… pic.twitter.com/4b3FND3cXI
— ANI (@ANI) July 18, 2024
उन्होंने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है तब से मुजफ्फरनगर की सभी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है. क्या आप केवल एक समुदाय के लिए काम करेंगे? संविधान कहां है? मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो लिखित आदेश जारी करें.
ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस के आदेश के अनुसार, हर खाने-पीने की दुकान या ठेले वाले को अपना नाम लिखना होगा. जिससे कोई कांवड़िया गलती से उनसे सामान ना खरीद ले. साउथ अफ्रीका में इसे रंगभेद कहा जाता था. वहीं, हिटलर के जर्मनी में इसे 'जुडेनबॉयकॉट' कहा गया है.
बॉलीवुड गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि पुलिस ने ऐसे निर्देश क्यों जारी किए हैं? अख्तर ने एक्स पोस्ट में कहा कि मुजफ्फरनगर यूपी पुलिस ने निर्देश दिए हैं कि निकट भविष्य में किसी विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्तरां और यहां तक कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से दिखाया जाना चाहिए. नाजी जर्मनी में केवल विशेष दुकानों और मकानों को निशान बनाते थे.
कांवड यात्रा भगवान शिव भक्तों के द्वारा हर साल की जाने वाली एक पवित्र धार्मिक यात्रा है. इस यात्रा को जल यात्रा भी कहा जाता है. यह एक माह तक चलती है. इसमें कांवड़ ले जाने वाले यात्री भगवा वस्त्र पहनकर पवित्र तीर्थ स्थलों से गंगा जल को एकत्रित करते हैं. इस साल यह यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है.