नई दिल्ली: भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने पृथ्वी से जुड़े तीसरे युद्ध अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में इसरो ने लिखा कि तीसरा अर्थबाउंड पैंतरेबाज़ी (ईबीएन#3) ISTRAC, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक किया गया है. इस ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-शार और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने उपग्रह को ट्रैक किया. हासिल की गई नई कक्षा 296 किमी x 71767 किमी है. पोस्ट में आगे लिखा गया है कि अगला युद्धाभ्यास (ईबीएन#4) 15 सितंबर, 2023 को लगभग 02:00 बजे के लिए निर्धारित है.
5 सितंबर को पूरा हुआ दूसरा युद्धाभ्यास
आपको बता दें, इससे पहले आदित्य एल1 ने 5 सितंबर को 282 किमी x 40225 किमी की कक्षा हासिल करके पृथ्वी से जुड़े दूसरे युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था.
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2 सितंबर को हुई थी लॉन्चिंग
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद 2 सितंबर को इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लॉन्च किया था. आदित्य-एल1 के जरिए सूर्य का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड को ले जाया गया है. इनमें से चार पेलोड सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और अन्य तीन पेलोड प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे.
आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है. एक अनुमान के अनुसार इस दूरी को तय करने में चार महीने का समय लगेगा.
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