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India Daily

अनुराग ढांडा का बीजेपी पर मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप, चुनाव आयोग की चुप्पी पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के सवालों ने इस साजिश को उजागर किया है. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Anurag Dhanda

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के सवालों ने इस साजिश को उजागर किया है. 

बीजेपी का पुराना हथियार

अनुराग ढांडा ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा, “एक बार फिर यह पूरी तरह साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी करवाती है और चुनाव आयोग उसकी मदद करता है.” उन्होंने दावा किया कि हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और अब बिहार में एक पैटर्न के तहत मतदाता सूची में छेड़छाड़ की जा रही है. कहीं लाखों नाम काटे गए, कहीं फर्जी नाम जोड़े गए, तो कहीं जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बिगाड़ने की कोशिश हुई.

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

ढांडा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रही विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, जो AAP और जनता लंबे समय से उठाते रहे हैं. उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आज जिस मुद्दे पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है, वही मुद्दा आम आदमी पार्टी और जनता लगातार उठाते आ रहे हैं लेकिन न तो चुनाव आयोग और न ही केंद्र की मोदी सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट जवाब दिया है.”

 चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर देशभर में सवाल उठ रहे हैं. ढांडा ने आरोप लगाया, “यह वही संस्था है, जिस पर जनता को निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपती है. लेकिन अब यह संस्था एकतरफा तरीके से काम करती दिखाई दे रही है.” गोपनीय तरीके से मतदाता सूची में बदलाव लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रहे हैं. 

AAP की मांगें
AAP ने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:

  • बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को तुरंत रोका जाए.
  • इस प्रक्रिया की स्वतंत्र और न्यायिक जांच हो.
  • सभी दलों को पारदर्शी और समयबद्ध जानकारी दी जाए.

ढांडा ने चेतावनी दी, “अगर चुनाव आयोग जनता का विश्वास खो देगा, तो लोकतंत्र की नींव ही हिल जाएगी.” उन्होंने आयोग से आत्ममंथन और निष्पक्षता बहाल करने की अपील की.