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अमृतसर पहुंचे अमेरिका से डिपोर्ट किए 104 अवैध प्रवासी भारतीय, एक क्लिक में जानें इनकी हिस्ट्री और फ्यूचर

अमेरिका और भारत के बीच अवैध अप्रवासियों की वापसी को लेकर सहयोग लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में यह घटनाक्रम दोनों देशों के आपसी संबंधों को और मजबूत करने में एक कदम साबित हो सकता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
अमृतसर हवाईअड्डे पर 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों की वापसी
Courtesy: Social Media

अमेरिका से निकाले गए 104 अवैध भारतीय अप्रवासी बुधवार को पंजाब के अमृतसर हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना के सी-17 परिवहन विमान से उतरे। सूत्रों ने बताया कि इनमें से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अवैध अप्रवासियों पर की गई व्यापक कार्रवाई के तहत यह भारत में इस तरह का पहला निर्वासन था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सैन्य विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से उड़ान भरकर दोपहर करीब 1:55 बजे अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. गौरतलब है कि पंजाब से कई लोग, जो लाखों रुपये या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिकी धरती पर प्रवेश कर गए थे, अब निर्वासन का सामना कर रहे हैं.

जानिए इन अवैध आप्रवासियों का क्या होगा?

प्रशासन ने निर्वासित लोगों से शुरुआती पूछताछ की और उन्हें उनके घर वापस भेजने की व्यवस्था की. ऐसा कहा गया कि निर्वासितों का कोई भी परिवार का सदस्य उन्हें लेने हवाई अड्डे पर नहीं पहुंचा. सूत्रों ने बताया कि उनके दस्तावेजों और पहचान पत्रों की पूरी तरह से जांच और मेडिकल जांच के बाद निर्वासित लोगों को उनके संबंधित राज्यों और गृहनगरों में ले जाया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि संबंधित राज्य सरकारों ने निर्वासितों को घर पहुंचाने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था की है और उनकी सुरक्षा के लिए बस में स्थानीय पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया है.

अवैध अप्रवासियों की वापसी का कारण

20 जनवरी को राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस का कार्यभार संभालने के साथ ही वाशिंगटन में ट्रंप प्रशासन ने काम शुरू कर दिया. अब तक, अमेरिका ने ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास में अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग किया है. भारत उन सबसे दूरस्थ स्थानों में से एक था जहां अमेरिका ने अवैध आप्रवासियों को वापस भेजने के लिए अपने विमान भेजे थे.

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि इससे अमेरिका या दुनिया में कहीं भी बिना उचित दस्तावेज के रह रहे या तय अवधि से अधिक समय तक रहने वाले भारतीयों की वापसी में सुविधा होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी अवैध आव्रजन पर भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि देश इसके खिलाफ है, "विशेषकर इसलिए क्योंकि यह कई प्रकार के संगठित अपराध से जुड़ा हुआ है.