आजकल की भागदौड़ भरी और असंतुलित जीवनशैली ने कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है, जिनमें से एक है यूरिक एसिड का बढ़ना. यूरिक एसिड शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है. जब इसकी मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है, तो यह जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है, जिससे गठिया (Gout) जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. यह समस्या पुरुषों में अधिक देखी जाती है, लेकिन महिलाओं में भी यह तेजी से फैल रही है.
यूरिक एसिड अगर समय पर कंट्रोल न किया जाए तो यह न सिर्फ जोड़ों में दर्द, सूजन और चलने-फिरने में परेशानी पैदा करता है, बल्कि किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.
पानी का भरपूर सेवन करें
दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं. इससे यूरिक एसिड शरीर से पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है.
नींबू और ACV (एप्पल साइडर विनेगर) यूरिक एसिड को अल्कलाइन करने में मदद करते हैं. इन्हें सुबह खाली पेट लेना फायदेमंद है.
रेड मीट, मछली, बीयर, दालें और फ्राइड फूड से परहेज़ करें. इसके बजाय हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं.
ये दोनों प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होते हैं और यूरिक एसिड घटाने में कारगर हैं.
मोटापा यूरिक एसिड को और बढ़ा सकता है, इसलिए रोज़ाना हल्का-फुल्का व्यायाम ज़रूरी है.
यूरिक एसिड को नियंत्रित रखना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. अगर आप समय रहते इसे पहचानें और उपाय अपनाएं, तो बिना दवाओं के भी इसे काबू में रखा जा सकता है. सही खानपान, पर्याप्त पानी और नियमित व्यायाम आपके शरीर को अंदर से स्वस्थ और गठिया से मुक्त रख सकता है.