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'मुझसे पंगा मत लेना...', जब अंडरवर्ल्ड को धर्मेंद्र ने सिखाया था ऐसा सबक कि पूरा बॉलीवुड करने लगा सलाम

बॉलीवुड ने अपने ही-मन, धर्मेंद्र को खो दिया, जिनका सोमवार को 89 साल की उम्र में निधन हो गया. 1980-90 के दशक में अंडरवर्ल्ड की धमकियों और फंडिंग के बीच भी धर्मेंद्र कभी डरने वालों में से नहीं थे.

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Edited By: Princy Sharma
Dharmendra India Daily
Courtesy: Pinterest

मुंबई: बॉलीवुड ने अपने सबसे शानदार सुपरस्टार में से एक धर्मेंद्र को खो दिया, जिनका सोमवार को मुंबई में 89 साल की उम्र में निधन हो गया. हिंदी सिनेमा के 'ही-मैन' के नाम से मशहूर, इस पुराने एक्टर का मुंबई में परिवार वालों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया. धर्मेंद्र सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं थे, वह उस दौर में हिम्मत और पक्के इरादे की निशानी थे जब इंडस्ट्री अक्सर अंडरवर्ल्ड के कब्जे में रहती थी.

1980 और 1990 के दशक में, मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री को ऑर्गनाइज्ड क्राइम से गंभीर खतरा था. गैंगस्टरों द्वारा एक्सटॉर्शन कॉल, धमकियां और जबरदस्ती फंडिंग आम बात थी और कई एक्टर या तो प्रोटेक्शन मनी देते थे या अंडरवर्ल्ड से जुड़े प्रोड्यूसर द्वारा फाइनेंस की गई फिल्मों में काम करते थे. फिर भी, धर्मेंद्र एक अलग ही तरह के इंसान थे एक ऐसे आदमी जो कभी भी डर के आगे नहीं झुके.

सत्यजीत पुरी ने सुनाया किस्सा

एक्टर-डायरेक्टर सत्यजीत पुरी, जिन्होंने धर्मेंद्र के साथ मिलकर काम किया ने याद किया कि कैसे अंडरवर्ल्ड ने कभी उन्हें चैलेंज करने की हिम्मत नहीं की. सत्यजीत पुरी ने फ्राइडे टॉकीज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'उस समय बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड की भयानक पकड़ थी. एक फोन कॉल से ज्यादातर एक्टर कांप जाते थे. लेकिन धर्मेंद्र और उनका परिवार कभी नहीं डरा.'

'अगर तुम मुझे पकड़ने आए...'

उन्होंने बताया कि कैसे धर्मेंद्र किसी भी गैंगस्टर को, जो उन्हें धमकी देता था, चेतावनी देते थे, 'अगर तुम मुझे पकड़ने आए, तो पूरा साहनेवाल गांव पंजाब से आ जाएगा. तुम्हारे पास दस आदमी हो सकते हैं, लेकिन मेरे पास पूरी फौज है. एक बोलूंगा और ट्रक भरके लोग पंजाब से लड़कर आ जाएंगे. इसलिए मुझसे पंगा मत लेना.’ 

'गुलामी' सेट का किस्सा

धर्मेंद्र का निडर स्वभाव सिर्फ अंडरवर्ल्ड तक ही सीमित नहीं था. 1985 की फिल्म 'गुलामी' के सेट पर एक खतरनाक सीन के लिए एक घोड़े को मार्बल की सीढ़ियों पर सरपट दौड़ाना था. डुप्लीकेट तैयार होने के बावजूद, धर्मेंद्र ने खुद ही स्टंट करने पर जोर दिया. जैसे ही पेशाब से भीगी सीढ़ियों पर घोड़ा फिसला, धर्मेंद्र ने जल्दी से अपने बाएं पैर और जांघ की ताकत का इस्तेमाल करके खुद को और जानवर को गिरने से बचाया.

धर्मेंद्र पर चाकू से किया था हमला

लापरवाही से गुस्सा होकर, उन्होंने एक असिस्टेंट का पीछा किया लेकिन घोड़े को नुकसान पहुंचाने से खुद को रोका, तुरंत उसकी हालत देखी और मालिक को 200 रुपये दिए. इस घटना में उनकी हिम्मत, डिसिप्लिन और दया का मिला-जुला रूप दिखा. सत्यजीत पुरी ने धर्मेंद्र की बहादुरी को दिखाते हुए एक और कहानी शेयर की. उन्होंने कहा, 'एक बार एक आदमी ने सबके सामने धर्मेंद्र पर चाकू से हमला कर दिया था. एक मिनट के अंदर, धरम जी ने हथियार उतारकर उस आदमी को नीचे गिरा दिया था.

सिक्योरिटी के साथ घूमते हैं धर्मेंद्र

आज, एक्टर छह बाउंसर और हथियारबंद सिक्योरिटी के साथ घूमते हैं. उस समय, धर्मेंद्र और विनोद खन्ना बिना किसी प्रोटेक्शन के सड़कों पर आजादी से घूमते थे. ये कहानियां दिखाती हैं कि कैसे धर्मेंद्र ने निडरता को शांत, पक्के इरादे वाले एक्शन के साथ जोड़ा जिससे उन्हें साथियों, फैंस और यहां तक कि क्रिमिनल्स से भी इज्जत मिली.