Shreya Dhanwanthary: हॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म सुपरमैन की भारत में रिलीज के दौरान केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के एक फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है. स्कैम 1992, द फैमिली मैन, लूप लपेटा और गन्स एंड गुलाब्स जैसी फिल्मों में अपने शानदार रोल के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस श्रेया धनवंतरी ने CBFC के फिल्म से 33 सेकंड के किसिंग सीन को हटाने के फैसले की तीखी आलोचना की है. इस सीन में अहम कलाकार डेविड कोरेंसवेट और रेचल ब्रोसनाहन नजर आए थे. श्रेया ने इसे 'बेतुकी बकवास' करार देते हुए सेंसरशिप पर सवाल उठाए और दर्शकों को अपनी पसंद की स्वतंत्रता देने की मांग की.
11 जुलाई 2025 को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर श्रेया ने एक समाचार लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसका टाइटल था, 'सीबीएफसी ने सुपरमैन से 33 सेकंड लंबा 'किसिंग सीन' हटा दिया.' इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा, 'वे चाहते हैं कि हम सिनेमाघरों में जाएं. वे चाहते हैं कि हम पायरेसी करना बंद करें. मुझे समझ नहीं आता. फिर थिएटर जाने का अनुभव इतना भयानक क्यों बना दिया गया है? हमें तय करने दीजिए कि हम क्या देखना चाहते हैं!!!! हमें तय करने दीजिए कि हम अपने समय और पैसे का क्या करना चाहते हैं!'
श्रेया ने अपनी भड़ास को और विस्तार देते हुए कहा, 'यह कैसी बेतुकी बकवास है!!! फिर वे दर्शकों को दोष देते हैं और कहते हैं कि हम अब सिनेमाघर नहीं जाते और फिर हैरानी जताते हैं कि लोग ओटीटी और टीवी पर औसत दर्जे की बकवास क्यों देखते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि आप दूसरे विकल्पों को असहनीय बना रहे हैं!!! सिनेमा हॉल किसी फिल्म का अनुभव करने का सबसे अच्छा तरीका है. आप हमारे साथ बच्चों जैसा व्यवहार करके इसे और हमें बर्बाद कर रहे हैं.'
श्रेया की इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी. कई यूजर्स ने CBFC की सेंसरशिप नीतियों की आलोचना की और सवाल उठाया कि एक साधारण किसिंग सीन को हटाने की क्या जरूरत थी. बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 9 जुलाई को फिल्म के प्रीमियर में मौजूद दर्शकों ने भी इस कट को लेकर नाराजगी जताई. कई लोगों ने इस बात पर हैरानी जताई कि एक किसिंग सीन को बरकरार रखा गया, जबकि दूसरा सीन सेंसर कर दिया गया, जिससे कहानी के प्रवाह में असंगति पैदा हुई. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, 'CBFC को यह तय करने का हक किसने दिया कि हम क्या देख सकते हैं? यह दर्शकों का अपमान है.'
CBFC का यह फैसला सेंसरशिप के इस मुद्दे को फिर से सामने लाता है. भारत में फिल्म सेंसरशिप अक्सर विवादों का विषय रही है, खासकर जब बात अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की आती है. श्रेया धनवंतरी ने इस मुद्दे को उठाकर न केवल दर्शकों की भावनाओं को आवाज दी, बल्कि सिनेमा हॉल में फिल्म देखने के अनुभव को बेहतर बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया. उनका कहना है कि सेंसरशिप के ऐसे फैसले दर्शकों को सिनेमाघरों से दूर कर रहे हैं, जिससे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता बढ़ रही है.