Sharda Sinha: ‘केलवा के पात पर…’ और ‘सुनअ छठी माई’ जैसे कई प्रसिद्ध छठ गीत में अपनी आवाज देने वाली गायिका शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. शारदा सिन्हा को कल रात से ही वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने जानकारी दी थी कि शारदा की हालत नाजुक बनी हुई है. तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुद फोन कर अंशुमन सिन्हा से शारदा का हाल-चाल जाना था. आज नहाय खाय से ही छठ महापर्व की शुरुआत हुई है. ऐसे में शारदा सिन्हा के परिवार और उनके चाहने वालों के लिए यह समय किसी दुख से कम नहीं.
मशहूर गायिका शारदा को छठ गीतों के लिए जाना जाता है. उन्होने ने एक से बढ़ कर एक छठ गीत गाय हैं जिनके बिना छठ पूजा के दिन सुना लगता है. चलिए जान लेते हैं उनका अब तक सफर कैसा रहा. शारदा सिन्हा एक महान गायिका रही हैं जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से बिहार और उत्तर प्रदेश की संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है. उनका जन्म बिहार में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत से ही संगीत में रुचि दिखाई थी।
शारदा सिन्हा ने मगही, भोजपुरी, मैथिली और हिंदी में गीत गाए हैं, और अपने बियाह और छठ के गीतों से हर उम्र के दिलों में खास जगह बनाई है. उन्होनें 'मैंने प्यार किया' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में अपनी आवाज दी. जिसे फैंस ने भरपूर प्यार दिया.
शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाया है, जिसमें उनकी आवाज ने उन्हें पूरे भारत में लोकप्रिय बना दिया है. शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड में भी अपनी छाप छोड़ी है. साल 1989 में वो सलमान खान और भाग्यश्री की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मैंने प्यार किया’में भी अपनी आवाज दी है. उस फिल्म का गाना ‘काहे तो से सजना…’ उस दौर में बड़ा हिट रहा था.
उनकी अनोखी आवाज ने उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाए, जो उनके जीवन और संघर्ष की कहानी का एक गौरवशाली हिस्सा है.
शारदा सिन्हा के दो बच्चे हैं. बेटी वंदना और बेटा अंशुमान सिन्हा. उनकी संपत्ति के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन अनुमानित तौर पर यह 16 से 42 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है.
शारदा सिन्हा 2018 से मल्टीपल मायलोमा नामक कैंसर से पीड़ित थीं. जो हड्डियों को प्रभावित करता है इसके बावजूद, उन्होंने अपने फैंस के लिए गाना जारी रखा और छठ पर्व के गीतों में अपनी आवाज का जादू बिखेरते रही. अब भले ही वो हमारे बीच नहीं रही हैं लेकिन वो देश के सभी लोगों के दिलों में हमशा जिंदा रहेंगी.